अखबार के खाते से 1 करोड़ से अधिक की गबन और चोरी कर आरोपी चोर रौनक डे फरार
विज्ञापन और दैनिक बिक्री से आने वाले पैसों को जमा करने के बजाय अपने खाते में ट्रांसफर कराया
लड़कीबाजी और पैसे की भूख ने रौनक डे को बना दिया शातिर अपराधी
सिविल लाइन थाने में रौनक के खिलाफ एफआईआर दर्ज
कंपनी के सभी आनलाइन खाते की आपरेटिंग करते डोली नीयत
कंपनी के मालिक को विश्वास में लेकर रची साजिश
खाते में हो रहे लाखों के ट्रांजेक्शन को आपरेट करते उसने अपने नाम का खाता खोलकर किया फ्राड, अन्य बैंकों में भी फर्जी खाते खुलवाया
पुलिस के कार्रवाई से पहले अपने निज निवास पते से हुआ गायब
प्रबंध संपादक को जहर दे कर मारने की असफल कोशिश की थी
एक्वागार्ड में कीटनाशक डाल कर कर्मचारियों को भी बीमार करने की कोशिश की
चोर अपराधी माना निवासी रौनक डे पिता दीपक डे
रायपुर raipur news । चोर कितना भी सुधरजाए हेराफेरी करना नहीं छोड़ता है। काम की तलाश में माना से रायपुर आया ऊंची हाई प्रोफाइल एज्यूकेशन औऱ बैंकिंग के काम आने की बता कर जनता से रिश्ता मिड-डे अखबार में काम मांगने आय़ा था। काम करते करते पप्पू फरिश्ता को विश्वास लेकर सबसे वफादार कर्मचारी बन गया। प्रेस मालिक भी ईमानदारी के काम करते देख उसकी जिम्मेदारी बढ़ाता रहा। देखते ही देखते पप्पू फिरश्ता को घर से लेकर प्रेस में लगने वाले दैनिक जरूरतों के सामानों की खरीदी करने लगा। धीरे-धीरे पैसा जमा करने निकालने का काम भी करने लगा। छोटा-छोटी रोज हजार दो हजार की चोरी करता था। पकड़ में आने से पहले वो फर्जी बिल सामान खरीदने का दिखाकर बचता रहा। इससे रौनक डे के हौसले बढ़ने लगे। रौनक डे को समझ आ गया था कि यहां बड़ा हाथ मारा जा सकता है। इसके लिए साजिश रचने लगा। 6 महीने काम करने के बाद पप्पू फरिश्ता ने उसे एकाउंटटेंट की जिम्मेदारी दे दी। फिर यही से शुरू हुआ रौनक डे (Raunak Day) की बड़ी चोरी में हाथ साफ करने का सिलसिला। थाना सिविल लाइन में पप्पू फरिश्ता ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि रौनक डे पिछले तीन-चार सालों से जनता से रिश्ता अखबार में एकाउंटटेंट और सुपरवाइजर के पद में कार्यरत था, उसे सभी बैकिंग अकाउंट और क्रेडिट कार्ड के सभी नंबर कीवर्ड मालूम था और वही उसको आपरेट करता था। संवाद की बिल जीएसटी का चालान उसके अलावा आनलाइन बैंकिंगसिस्टम में भी उसका पूर्ण रूप से दखल था। इसके अलावा किसी को कीवर्ड, पासवर्ड मालूम नहीं था, यहां तक कि स्वयं (पप्पू फरिश्ता) तक को भी कोडवर्ड , पासवर्ड मालूम नहीं है। इसी का फायदा उठाते हुए विगत 8-9 माह में जीएसटी की रकम जो जीएसटी की फीस कहलाती है हमारे खाते से अपने खाते में ले लिय़ा है। उसने उपयुर्क्त रकम को जीएसटी में नहीं पटाया और पूरी रकम को उड़ा कर अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया। खर्च कर दिया और विगत दिनों से चोरी करने के उपरांत फरार हो गया है।
आरोपी रौनक डे ने कबूली जुर्म, देखें वीडियो
chhattisgarh news इस आवेदन के साथ बैंक अकाउंट की डिटेल और रकम की संभ्री संकलित कर दी जा रही है। ताकि अपराध कायम करने के लिए सुगमता हो। पप्पू फरिश्ता ने बताया कि दीपक डे पिता दीपक डे निवासी माना बस्ती रायपुर है। जिसका फोन नंबर 9589999910, 9584347777, तथा उसके परिवार में उपयोग में आने वाले फोन नंबर 7509809999, 9522167777 है।
chhattisgarh दर्ज रिपोर्ट में बताया गया कि इंद्रावती कालोनी निवासी पप्पू फरिश्ता जनता से रिश्ता दैनिक समाचार पत्र का प्रधान संपादक है। मेरे प्रेस में 2020 -21 में रौनक डे अकाउंट, बैंकिंग,पैसा लाना ले जाना, कमर्चािरयों को वेतन, इंश्योरेंस पालिसी, खरीदी -बिक्री, व्यापार का पूरा कामकाज रौनक डे देखता था। । मैं 20 मई 2024 को मेरे पुत्र अकीफ फरिश्ता के साथ शाम की प्लाइट से दिल्ली रवाना हो गया। दिल्ली जाने से पहले जनता से रिश्ता प्रेस कार्यालय के रेस्ट रूम जहां पर नकदी रकम प्रेस कर्मचारियों का वेतन , दैनिक खर्च, की रकम जो भारतीय स्टेट बैंक सीसी लिमिट अकाउंट व सिल्वर जुबली क्रेडिट सोसायटी से लिया हुआ वापसी हेतु नकदी रकम 32 लाख रूपए रखा था। इसी कारण से सुरक्षा की दृष्टि से मैंने अपने कर्मचारी रौनक डे से एक लिंक कंपनी का ताला बाम्बे मार्केट से मंगवाया था। रौनक डे ने मुझे एक ताला और दो चाबी लाकर दिया। जिसे मैंने पूछा कि चाबी तो तीम देते है, दो कैसे दे रहे हो तो उसने बताया कि आजकल कंपनी वाले दो ही चाबी देते है। मैं यकीन कर रेस्ट रूम को ताला लगाकर दिल्ली चला गया। दिल्ली के फ्लाइट से उतरते ही करीबन 11.55 बजे मेरी पत्नी खैरून निशा फरिश्ता ने फोन पर बताई कि पूरे प्रेस का कैमरा बंद बता रहा है । फिर मैं रौनक को फोन कर पूछा तो लाइट गोल होने का बहाना बताकर चेक करता हूं बोला, कुछ देर बाद कैमरा चालू हो गया। रात करीबन 12.30 बजे पुन: फोन कर पूछा तो कैमरा चालू हो गया बताया।दिनांक 12.07. 2024 को दोपहर में जाकर रेस्ट रूम में रका सूटकेस को देखा तो यहां पर रखा 32 लाख रुपए नहीं था। इस संबंध में मुझे रौनक डे पर संदेह होने पर मैं बाम्बे मार्केट गया। वहां पर ताला दुकान वाला जो मेरा पूर्व परिचित है , से पूछा कि उस दिन मेरे कर्मचारी को ताला दिए थे, उसमें कितने चाबी दिए थे, तब उसने बताया कि वह तीन चाबी वाला ताला दिया था, तब रौनक डे को बुलाकर सभी कर्मचारियों के सामने कड़ाई से पूछा तब रौनक ने उस ताले की एक चाबी अपने पास रखना होना बताया। दिनांक घटना के समय कैमरा को बंद कर रेस्ट रूम से पैसा चोरी करना बताया। एवं पैसा को दूंगा बोला। दिनांक 28. 07.2024 से मोबाइल बंद कर फरार हो गया है। मेरे पैसे को रौनक डे ने चोरी किय़ा है। रुपए मिलने की आस पर अब तक रिपोर्ट नहीं किया था। रौमक डे के फरार होने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचा हूं। पुलिस प्रशासन से आग्रह है कि जल्द से जल्द कार्रवाई कर आरोपी रौनक डे से रुपए की वापसी कराई जाए ताकि समय पर कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया जा सके।