उत्तर प्रदेश

Bareilly: मंडी में लगी भीषण आग से 25 आढ़तें राख

Tara Tandi
6 Sep 2024 8:06 AM GMT
Bareilly: मंडी में लगी भीषण आग से 25 आढ़तें राख
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Bareilly बरेली । डेलापीर मंडी के सी ब्लॉक में बृहस्पतिवार रात लगी भीषण आग में करीब 25 आढ़तें राख हो गईं। रात करीब साढ़े नौ बजे आग की शुरुआत के बाद पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड रात दो बजे तक भी उस पर काबू नहीं पा सकीं। इस बीच गैस सिलेंडरों और इन्वर्टर की बैट्रियों में धमाकों से आग और फैलने से कई बार हालात बेकाबू हो गए।डेलापीर मंडी के ब्लॉक सी में फलों की 28 आढ़ते हैं जिनमें से रात दो बजे तक 25 आढ़तें आग से करीब पूरी तरह तबाह हो चुकी थीं। आढ़तियों के मुताबिक रात करीब साढ़े नौ बजे एक आढ़त में आग की लपटें दिखाई दीं, उस पर काबू पाने से पहले ही आग दूसरी आढ़तों में भी फैल गई। प्लास्टिक की क्रेटों और कागजों के आग पकड़ लेने की वजह से कुछ ही देर में हालात काबू से बाहर हो गए।
सूचना देने के करीब एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की लेकिन इस बीच लगभग पूरे ब्लॉक में फैल चुकी आग कम होने के बजाय और बढ़ती रही। कुछ देर बाद एक-एक कर फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां और पहुंची। आग कुछ काबू में आई लेकिन तभी आढ़तों में रखे इन्वर्टर की बैट्रियों में धमाके शुरू हो गए। देर रात कई गैस सिलेंडर भी धमाके के साथ फटे। इससे आग फिर बेकाबू हो गई।
रात दो बजे तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था। आढ़तियों ने बताया कि फलों के साथ उनके रखरखाव का सामान और बही-खाते तक जल गए हैं। उन्होंने अनुमान जताया कि आग से अब तक आठ से 10 करोड़ का नुकसान हो चुका है।
फायर ब्रिगेड की लापरवाही बनी आग फैलने की मुख्य वजह
फायर स्टेशन पर खड़ी गाड़ियों के टैंकर खाली न होते तो शायद डेलापीर फलमंडी में लगी आग इस कदर बेकाबू न होती। गाड़ियां आग बुझाने के लिए तैयार न होने की वजह से ही सूचना दिए जाने के बाद उन्हें डेलापीर मंडी पहुंचने में डेढ़ घंटे का समय लग गया। वह भी पहले सिर्फ दो गाड़ियां पहुंचीं। इस बीच आग डेलापीर मंडी के पूरे सी ब्लॉक में फैल गई और इस कदर भीषण हो गई कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया।
डेलापीर मंडी में सी ब्लॉक में फल की 28 आढ़तें हैं। आढ़तों के ऊपर बाहर से आने वाले व्यापारियों के ठहरने के लिए कमरे बने हुए हैं। रात करीब 11 बजे कुछ लोगों ने एक आढ़त की सीढ़ी के पास आग की लपटें उठती देखीं। वे उसे बुझाने के लिए पानी लेने दौड़े, लेकिन इतनी ही देर में फल रखने वाली प्लास्टिक की क्रेटों ने आग पकड़ ली। इसके बाद कुछ ही सेकेंड में पूरी आढ़त लपटों से घिर गई। आग बेकाबू होते देख लोगों ने फायर ब्रिगेड को फोन किया। यूपी 112 को भी सूचना दी।
आढ़तियों के मुताबिक फायर ब्रिगेड रात करीब 12:45 बजे मंडी पहुंची, वह भी सिर्फ दो गाड़ियां लेकर। आग इस कदर भीषण हो चुकी थी कि जिसे दो गाड़ियों से बुझाना संभव नहीं रह गया था। करीब एक घंटे बाद रात डेढ़ बजे चार और गाड़ियां और पहुंची तो आग बुझाने का काम ठीक से शुरू हो पाया। इसके बावजूद रात दो बजे तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था। बताया जाता है कि फायर स्टेशन पर खड़ी गाड़ियों में पानी नहीं भरा हुआ था। इसी वजह से सूचना दिए जाने पर फौरन गाड़ियां नहीं पहुंच पाईं। इसी वजह से भीषण हुई आग ने पूरे सी ब्लॉक को तबाह कर दिया। आढ़तों पर मजदूरों ने खाना बनाने के लिए गैस सिलेंडर भी रखे हुए थे जो एक के बाद एक धमाके के साथ फटते रहे। इससे आग और फैलती रही।
आग के लिए पेट्रोल साबित हुईं आढ़तों पर रखीं प्लास्टिक की क्रेटें
आढ़तों पर हजारों की तादाद में मौजूद प्लास्टिक की क्रेटें आग के लिए पेट्रोल साबित हुईं। इन क्रेटों के चपेट में आने के बाद आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को कुछ कर पाने का मौका ही नहीं मिला। कुछ ही देर में हालात इतने खराब हो गए फल मंडी में मौजूद आढ़ती और उनके कर्मचारी आग बुझाने की कोशिश करने के बजाय जान बचाने के लिए भाग निकले। फायर ब्रिगेड आने के बाद भी प्लास्टिक की क्रेटों की वजह से आग बुझाने में सबसे ज्यादा मुश्किल हुई। आढ़तों के चबूतरों पर खाली और फलों से भरी क्रेटों से उठती लपटों को फायर ब्रिगेड कर्मी एक तरफ बुझा रहे थे तो दूसरी तरफ आग धधकनी शुरू हो जा रही थी। रात दो बजे तक लगातार कोशिशों के बावजूद आग पर काबू नहीं पाया जा सका था। व्यापारियों के रुकने के लिए बने कमरों के लिंटर में भी बड़े बड़े सुराख हो गए और टिनशेड भी पिघलकर गिरने लगे।
सी ब्लॉक में हर तरफ फैली आग ने हर किसी को बेबस कर दिया। भीड़ के साथ आढ़ती भी एक तरफ खड़े होकर अपनी बर्बादी का तमाशा देखते रहे। लोग यह भी दुआ मनाते रहे कि किसी भी आढ़त में कोई इंसान आग की चपेट में न आया हो। आशंकाओं से घिरे माहौल में देर रात तक इसकी कोई पुष्टि भी नहीं हुई। मंडी एसोशिएशन के अध्यक्ष शुजा उर रहमान ने बताया कि आग लगने से जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि मंडी समिति में 14 आढ़तें पूरी तरह जलकर राख हो गई हैं। आढ़तियों का कहना था कि करीब 25 आढ़तें जलकर राख हुईं हैं। कुछ लोगों का कहना था कि आग बुझने के बाद ही पता चलेगा कि जन हानि हुई है या नहीं।
बही-खाते जलने से ज्यादा नुकसान
ब्लॉक सी में आग लगने से सद्दाम हुसैन, मोहम्मद रहीस, मोहम्मद इस्लाम, मोहम्मद हाजी हसनैन, चांद बाबू, शानू, मोहम्मद बिलाल, मोहम्मद यासीन, मोहम्मद हसीन सलीम, केएच मोनू, हाजी सनी, नन्हे मियां, आबिद हुसैन, प्रेमनाथ, आदिल आमिर और फाजिल सैफी की आढ़तें जलकर राख हो गई है। इन आढ़तियों ने बताया कि उनका सबसे बड़ा नुकसान उनके बहीखाते जलने से हुआ है। एक-एक व्यापारी के खातों में लाखों का हिसाब था। उनका कहना था कि फलों के जलने का नुकसान तो उन्हें पता है, लेकिन खातों में लिखा हिसाब जलने से कितना नुकसान हुआ है, इसका फिलहाल कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
पूरी मंडी समिति में आग बुझाने का कोई इंतजाम नहीं
डेलापीर मंडी बरेली मंडल की ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों की सबसे बड़ी मंडी है। इसके बाद भी यहां आग बुझाने का कोई इंतजाम नहीं है। आढ़तियों का कहना है कि वे लोग इस बारे में कई बार मांग कर चुके हैं। शुजा उर रहमान ने बताया कि व्यापारी कई बार बोरिंग और अग्निशमन यंत्र लगाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। इससे पहले भी एक बार मंडी में इसी तरह की भयानक आग लग चुकी है। व्यापारियों ने मुआवजा दिलाने क मांग मंडी समिति के सचिव से की है।
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