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लखनऊ के अखिलेश सिंह चौहान को जंगल में 45 घंटे खोज कर छुड़ाया
लखनऊ: दक्षिण गारो हिल्स के रोंगडिक ब्रिज से अगवा किए गए लखनऊ के अखिलेश सिंह चौहान को छुड़ाने के लिए एसपी बाघमारा शैलेन्द्र बामनिया ने 45 घंटे तक जंगल में काम्बिंग की. तलाशी में पता चला कि अखिलेश के अपहरण में उग्रवादी संगठन के चार पूर्व सदस्य शामिल हैं. यह पता चलते ही चुनिन्दा कमाण्डो टीम में बुलाये गए.
चारों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू हो गई. इसी दौरान दो अपहर्ता हाथ लग गए और उनके चंगुल से अखिलेश को मुक्त करा लिया गया. अपहरण में शामिल दो बदमाश अभी फरार हैं.
अखिलेश संग दो और लोग किए थे अगवा एसपी बाघमारा शैलेन्द्र बामनिया ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि को गुड़म्बा के बेनीगंज निवासी अखिलेश सिंह को अगवा करने की सूचना मिली थी.
अपहर्ताओं ने ब्रिज कंस्ट्रक्शन कम्पनी के ठेकेदार को फोन किया और पत्नी शीला से 50 लाख रंगदारी मांगी. सर्विलांस से फोन करने वालों की लोकेशन ट्रैक की गई. अपहर्ताओं की लोकेशन बदल रही थी. एसपी बाघमारा ने बताया कि अखिलेश के साथ दो अन्य भी अगवा किए थे.
गांव में छुपाने से पहले जंगल में बंधक रखा
अपहरण में दक्षिण गारो हिल सोनंगितल निवासी विलबन एस संगमा, मिंडिकगर निवासी विदमिल ए मार्क, चोकपोट निवासी लैटहिन एम संगमा, रोंगसरैंग एम संगमा शामिल थे. एसपी के मुताबिक सभी उग्रवादी संगठन के सदस्य रह चुके हैं. एसपी बाघामारा एस. बामनिया ने बताया कि लोकेशन ट्रैक कर अपर दोसोगर गांव में छापा मार अखिलेश को मुक्त करवा विलबन एस संगमा, विदमिल ए मार्क को पकड़ा गया, दो अपहरणकर्ता भाग निकले. एसपी ने बताया कि प्राथमिकता बिना फिरौती दिए छुड़ाना था. अपर दोसोगर विलेज में छिपाने से पहले अखिलेश को जंगल में रखा गया था, जहां मारपीट की गई. पत्नी से फिरौती मांगी. धमकी दी थी कि रुपये नहीं मिले तो मार देंगे.
पत्नी को बताई आपबीती
अखिलेश ने पत्नी को फोन पर बताया कि रात करीब 1.30 बजे टेंट में दस्तक पर दरवाजा खोला तो असलहा लिए दो लोग दिखे, जो अगवा कर उसे जंगल ले गए और 50 लाख फिरौती मंगाने को कहा. अखिलेश ने हाथ जोड़ रिहा करने की गुहार लगाई तो वे तैयार न हुए. उनका इरादा पुल बना रही कम्पनी से वसूली का था.