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झाँसी: मौसम में बदलाव के चलते शहरों व गांवों में मच्छरों की जबरदस्त फौज तैयार होकर लोगों का जीना मुश्किल किए है. घर के भीतर व खुले पेड़ के नीचे बैठते ही हजारों मच्छर एक साथ हमला बोलते हैं. इनके दंश बेचैन कर देते हैं. यदि जल्द ही फागिंग नहीं हुई तो इनसे निपटना मुश्किल हो जाएगा.
मौसम बदलने के कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है. तहसील क्षेत्र के गावों में साफ सफाई नहीं होने की वजह से मच्छर बढ़ गए हैं. नालियों में गंदा पानी बजबजा रहा है. जिसमें मच्छरों की फौज तैयार हो चुकी है. जगह-जगह लगे कचरे के ढेर भी हालातों को कठिन बनाए हैं. इन हालातों में मच्छर घर के भीतर व बाहर कहीं चैन नहीं लेने दे रहे. दिन तो किसी तरह कट जाता है लेकिन रात होते ही इन सक्रियता और बढ़ जाती है. कमरे में बैठते ही मच्छर भिनभिनाते हुए दंश पर दंश देते हैं. मच्छर भगाने के क्वायल, लिक्विड सहित अन्य दवाओं का लोग उपयोग तो कर रहे हैं लेकिन इसका भी स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. पंखा चलाए बिना दो मिनट एक स्थान पर बैठना संभव नहीं है. रात में मच्छर दानी नहीं लगाने पर मच्छर सोने नहीं देते. किसी तरह नींद आ भी जाए तो इनकी आवाज रतजगा करने को विवश करती है. मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को फिलहाल जिम्मेदार हल्के में ले रहे हैं. ग्राम पंचायत राज अधिकारी व नगर पालिका परिषद कीटनाशक का छिड़काव व फागिंग नहीं करवा रहे हैं. जिसकी वजह से जनपदवासियों को दिक्कत हो रही है. लोगों में आक्रोश पनपता जा रहा है.
तबेला संचालकों के कारण नारकीय स्थिति शहर में तबेला संचालकों के कारण नारकीय स्थितियां बनी हुई हैं. यह लोग दूध बेचकर अपनी जेब भर रहे हैं. वहीं मुहल्ले के खाली स्थानों और प्लाटों पर मवेशियों के गोबर का पहाड़ खड़ा कर दिया है. नालियां भी गोबर व गंदगी से पटी पड़ी हैं.