क्या आज भी ये कहेंगे समस्या सीमा पर नहीं बल्कि दिल्ली में है: जयराम रमेश
बांदीकुई: कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि आज भारत जोड़ो यात्रा का 102 वां दिन है। प्रधानमंत्री चीन पर चुप्पी तोड़ो, भारत जोड़ो ये आज के प्रश्न हैं। जिनके उत्तर की मांग देश कर रहा है और जिनका उत्तर प्राप्त करना देश का अधिकार है।
जयराम रमेश रविवार भारत जोड़ो यात्रा के बांदीकुई मेंं प्रवेश से पूर्व सिंकदरा में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि देश की दोनों सेनाओं के सैनिकों को अपनी मूल चौकियों पर वापस भेजने की 2 साल खींची प्रक्रिया के बीच चीन को ऐसा दुस्साहस करने का हौसला कैसे हुआ कि वो तवांग के यांग्त्से क्षेत्र में भारतीय चौकी पर कब्जा करने का प्रयास करे। प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा वर्ष 1986 में समदोरंग चू टकराव के पश्चात सैन्य बलों की तैनाती के बाद भारत का उस क्षेत्र में लगातार पूरा दबदबा रहा है। एक नया फ्रंट खोलने का साहस चीन को कैसे हुआ।
ऐसी जानकारी मिल रही है कि चीन द्वारा ईस्टर्न क्षेत्र में घुसपैठ बड़े पैमाने पर और बार-बार हो रही है। पूर्ववर्ती सरकारों में इतना आत्मविश्वास था कि वे वर्ष 1965, 1971 और कारगिल 1999 के दौरान पत्रकारों और सांसदों को वास्तविक स्थिति से अवगत कराने के लिए मौके पर ले जा सके। यहां तक कि डोकलाम मुद्दे पर भी रक्षा मामलों संबंधी स्थाई संसदीय समिति में चर्चा हुई थी। प्रधानमंत्री देश के लोगों से क्या छुपा रहे हैं। वे चर्चा से क्यों भाग रहे हैं। सेना स्तर पर 16 चरणों की बातचीत के बावजदू चीन डेपसांग में 18 किलोमीटर अंदर आकर जमा बैठा है। सामरिक महत्व के सैंकड़ों किलोमीटर में फैले इस संवेदनशील क्षेत्र में भारतीय गश्ती दल गश्त करने में असमर्थ हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की इस मुद्दे पर क्या कार्य योजना है। उन्होंने कहा कि चीन से बढ़ते खतरे के बावजूद हमारी क्षमताओं में महत्वपूर्ण खामियां क्यों नजर आ रही हैं।
भारतीय वायु सेना के प्रमुख ने आॅन रिकॉर्ड ये बात कही है कि 42 स्क्वाड्रन की अपेक्षित युद्धक क्षमता की तुलना में वर्तमान में 12 स्क्वाड्रन की कमी है। जबकि यूपीए सरकार ने 6 स्कॉर्पिन पनडुब्बियों को खरीदने के कार्यादेश दिए थे, लेकिन 6 और पनडुब्बियां खरीदने के लिए प्रस्तावित परियोजना 751 को बार-बार विलम्ब का सामना करना पड़ रहा है।