राजस्थान
वसुंधरा राजे को याद आए भैरोंसिंह शेखावत, बोली- बाबोसा ने राजस्थान में जमाई बीजेपी की जड़ें, कभी नहीं किया विचारधारा से समझौता
Renuka Sahu
17 May 2022 6:29 AM GMT
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फाइल फोटो
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत राजनीति में उतार-चढ़ाव और चुनौतियों से कभी विचलित नहीं हुए लेकिन वह उस दौरान बहुत आहत हुए थे जब क्लीवलैंड में इलाज करवाने के दौरान पीछे से उनकी सरकार को गिराने की साज़िश रची गई थी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (vasundhara raje) ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत (bhairon singh shekhawat) राजनीति में उतार-चढ़ाव और चुनौतियों से कभी विचलित नहीं हुए लेकिन वह उस दौरान बहुत आहत हुए थे जब क्लीवलैंड में इलाज करवाने के दौरान पीछे से उनकी सरकार को गिराने की साज़िश रची गई थी. राजधानी जयपुर (jaipur) में राजे पूर्व उपराष्ट्रपति शेखावत के जीवन पर भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी बहादुर सिंह राठौड़ की लिखी गई एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में पहुंची थी. राजे ने कार्यक्रम में धरती पुत्र भैंरों सिंह शेखावत नामक पुस्तक का विमोचन भी किया.
इस दौरान राजे ने संबोधित करते हुए कहा कि शेखावत कहते थे कि सेवा नीति पर चलने वाला व्यक्ति तकलीफ़ ज़रूर पा सकता है, लेकिन मात नहीं खा सकता. राजे ने शेखावत को याद करते हुए कहा कि शेखावत राजनीति में उतार-चढ़ाव और चुनौतियों से कभी विचलित नहीं हुए.
शेखावत उतार-चढ़ाव से नहीं हुए विचलित
राजे ने कहा कि एक तरफ़ तो 1996 में क्लीवलैंड में उनकी हृदय की सर्जरी हो रही थी और दूसरी तरफ़ जयपुर में उनकी सरकार को गिराने के लिए ऑपरेशन चल रहा था. उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार गिराने वाली ताकतें इसमें सफल नहीं हुई लेकिन भैरोंसिंह जी पीठ में छुरा घोपनें के प्रयास की इस घटना से वह बहुत आहत हुए थे. राजे ने कहा कि इसमें कई ऐसे लोग भी शामिल थे जिनकी उन्होंने खूब मदद की थी.
राजे ने कहा कि शेखावत यह भी कहते थे कि राजनीति में जितनी बाधाएं आती हैं, जितना कठिन समय आता है, व्यक्ति उतना ही तप कर मजबूत होता है. ऐसे ही दौर में ही अपने परायों की पहचान होती है. मुश्किलें जब आती हैं, तो सबसे पहले अधिकतर वे इंसान ही आपसे अलग होते हैं, जिनकी आपने सबसे अधिक मदद की हो.
भैरोंसिंह ने विचारधारा से नहीं किया समझौता
राजे ने आगे कहा कि शेखावत उस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री थे और राजनीतिक दल कोई भी हो शेखावत की स्थाई दुश्मनी किसी से नहीं रही, उनकी सब से मित्रता रही. हां, यदि विचारधारा की बात आती थी, तो चाहे कितनी ही मित्रता हो, भैरोंसिंह जी ने कभी समझौता नहीं किया.
राजे ने कहा कि उनकी ऐसी खूबियों ने ही भारतीय राजनीति में उन्हें शिखर पर पहुंचाया. राजे ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि मुझे राजनीति में मेरी मां राजमाता साहब लाई थी लेकिन यह भी सच है कि मुझे इस मुक़ाम तक पहुंचाने में भैरोंसिंह शेखावत साहब की भी भूमिका अहम थी. उन्होंने कहा कि शेखावत राजनीति के अनुभवी खिलाड़ी थे, जिन्होंने राजस्थान में बीजेपी की जडे़ं जमाई थी.
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