पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह होटलों में 10 घंटे बिजली कटौती से हुए परेशान
जयपुर न्यूज: गर्मी बढ़ने से बढ़ी बिजली खपत से निपटने में लगे ऊर्जा विभाग के एक फरमान से पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह का पारा चढ़ गया है. उन्होंने ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को पत्र लिखकर उद्योगों की तर्ज पर शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक पीक डिमांड के 5 फीसदी बिजली उपयोग पर प्रतिबंध लगाने को गलत बताया है.
मंत्री ने कहा कि सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा इसलिए की थी ताकि निवेश बढ़े, लेकिन ऊर्जा विभाग दूसरे उद्योगों की तरह ही पर्यटन इकाइयों को खींच रहा है. विश्वेंद्र सिंह ने सवाल उठाया कि अगर शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक बिजली नहीं रहेगी तो होटल में कौन रहेगा.
दरअसल बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को पाटने के लिए विभाग ने उद्योगों में शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक यानी 10 घंटे बिजली कटौती शुरू कर दी है. औद्योगिक क्षेत्रों में लोड के हिसाब से बिजली कटौती का दिन तय करने की जिम्मेदारी तीनों डिस्कॉम को दी गई है। उद्योगों को नोटिस भेजा जा रहा है और पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिल गया है, लेकिन फैक्ट्री और होटल एक नहीं हैं। उत्पादन उन कारखानों में होता है जिन्हें रात में बंद किया जा सकता है जबकि पर्यटक होटलों में ठहरते हैं जिन्हें रात में बिजली की आवश्यकता होती है। मंत्री ने कहा कि पर्यटन व्यवसाय को एक आवश्यक सेवा मानते हुए ऊर्जा विभाग होटलों को पीक डिमांड में 5 प्रतिशत बिजली के उपयोग के प्रतिबंध से छूट दे।