बच्चों के भविष्य पर मंडराया खतरा, व्यवस्थाएं भी हो रही ठप
चंदीपुर: क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय धामाहेड़ा में सरकारी स्कूल में पदस्थ शिक्षिका अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रही है, वैसे तो राजस्थान सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों का खुलने का समय 10 बजे है, लेकिन धामाहेडा में स्कूल 11 बजे के बाद ही खोला जाता है और बच्चों को छुट्टी भी 1 बजे ही कर दी जाती है, जिससे बच्चों को पढ़ाई प्रभावित हो रही है। साथ ही शिक्षकों की लापरवाही के कारण पढ़ाई व्यवस्था ठप होने से बच्चों का भविष्य अंधकार में हैं। एक तरफ राज्य सरकार स्कूलों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए गणवेश से लेकर साइकिल छात्रवृत्ति मध्यान भोजन योजनाएं संचालित कर रही है, इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में लापरवाही के कारण आम हो गए हैं। वैसे तो सरकारी स्कूलों को सुविधा मुहैया कराने में सरकार कोई कमी नहीं रखती है लेकिन शिक्षकों की लापरवाही की वजह से सारी योजनाएं जो छात्रों के हित में होती है वह उन तक पहुंचने से वंचित रह जाती है।
हमारे गांव में विद्यालय समय से नहीं खुलता है, वैसे तो विद्यालय खुलने का समय 10 से 4 बजे तक का है परंतु हमारे यहां विद्यालय 11 बजे खोला जाता है और इधर 1 बजे ही विद्यालय को ताला लगा दिया जाता है, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं।
-कय्यूम खान, ग्रामीण
स्कूल समय से नहीं खुल रहा है, आज भी स्कूल 11 बजे खुला और अध्यापक 1 बजे ही बच्चों की छुट्टी कर देते है।
-अमीन खां, ग्रामीण
यहां 32 बच्चों का नामांकन है। मैं 5 किलोमीटर दूर से आती हूं, मेरे पास कोई साधन नहीं है, तो मुझे पैदल आना पड़ता है , इसलिए लेट हो जाती हूं। साथ ही यहां के बच्चें 1 बजे मस्जिद में पढ़ने जाते है, इसलिए बच्चों की छुट्टी 1 बजे कर देती हूं।
- वर्षा शर्मा, संस्था प्रधान राजकीय प्राथमिक विद्यालय धामाहेड़ा
मैंने पहले भी एक दो बार ग्रामीणों से संपर्क कर जानकारी ली है, परंतु किसी ने भी इस प्रकार की समस्या से अवगत नहीं कराया है, परंतु अब इस तरह की समस्या आई है तो संस्था प्रधान के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया किया जाएगा। साथ ही समय पर स्कूल खुले और समय से पहले छुट्टी नहीं हो इसके लिए भी संस्था प्रधान को पाबंद किया जाएगा।
-सुनील कुमार शर्मा, पीइईओ बांसखेड़ी