राजस्थान

राजस्थान का 400 साल पुराना वो मंदिर जहां उदयपुर राजघराना भी होता है नतमस्तक

Shreya
4 Aug 2023 12:13 PM GMT
राजस्थान का 400 साल पुराना वो मंदिर जहां उदयपुर राजघराना भी होता है नतमस्तक
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राजस्थान: देशभर के प्राचीन महालक्ष्मी मंदिरों में शामिल राजस्थान के मेवाड़ स्थित उदयपुर के 400 साल पुराने महालक्ष्मी मंदिर की महिमा जितनी कम है। खास बात यह है कि यह मंदिर जगदीश मंदिर के समकक्ष है, मंदिर में स्थापित मां लक्ष्मी की मूर्ति दुनिया में मौजूद मां लक्ष्मी की सभी मूर्तियों से बिल्कुल अलग है। इस मंदिर में श्रीमाली समाज की कुल देवी कमल पर नहीं बल्कि हाथी पर विराजमान हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां सबसे प्राचीन जगदीश मंदिर का निर्माण महाराणा जगत सिंह द्वितीय के समय हुआ था। लेकिन जब रानी ने मंदिर देखा तो राजा से कहा कि यहां तो जगदीश विराजमान हैं तो लक्ष्मी वहां क्यों नहीं?

रानी के आदेश पर जगदीश मंदिर से कुछ ही दूरी पर महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण कराया गया। जिसमें महालक्ष्मी की 31 इंच की खूबसूरत सफेद पत्थर की मूर्ति मंदिर में स्थापित थी। उदयपुर का राजपरिवार भी शुभ अवसरों पर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचता है। ये भी पढ़ें:- ये 5 राशि वाले होते हैं मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय, हमेशा बनी रहती है कृपा, क्या आप भी हैं शामिल? यह मंदिर 4200 वर्ग फीट में बनाया गया है। जहां हर साल दिवाली पर 5 दिनों तक विशेष कार्यक्रम होते हैं. आपको बता दें कि उदयपुर संभाग में महालक्ष्मीजी के कुछ और भी मंदिर हैं। लेकिन कहा जाता है कि इन मंदिरों का निर्माण 100 से 150 साल के भीतर हुआ है। इन मंदिरों में प्रमुख रूप से चित्तौड़गढ़ किले के नीलकंठ महादेव मंदिर के पास का मंदिर, सलोदा, खमनोर के पास माजा गांव, देलवाड़ा के पास दाड़मी गांव, चित्तौड़गढ़ के बिलिया गांव और बांसवाड़ा के छींच क्षेत्र में महालक्ष्मी मंदिर शामिल हैं।

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