राजस्थान

राजस्थान : पहले कृषि बजट को लेकर बोले राजस्थान के CM अशोक गहलोत, 'किसानों की खुशहाली के होंगे भरपूर प्रावधान'

Renuka Sahu
2 Feb 2022 3:12 AM GMT
राजस्थान : पहले कृषि बजट को लेकर बोले राजस्थान के CM अशोक गहलोत, किसानों की खुशहाली के होंगे भरपूर प्रावधान
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फाइल फोटो 

कृषि-बागवानी एवं पशुपालन को राजस्थान की अर्थव्यवस्था की धुरी करार देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि इस क्षेत्र के महत्व को समझते हुए सरकार ने पहली बार अलग से कृषि बजट लाने जैसा ऐतिहासिक निर्णय लिया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कृषि-बागवानी एवं पशुपालन को राजस्थान (Rajasthan) की अर्थव्यवस्था की धुरी करार देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने मंगलवार को कहा कि इस क्षेत्र के महत्व को समझते हुए सरकार ने पहली बार अलग से कृषि बजट लाने जैसा ऐतिहासिक निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि इस कृषि बजट के माध्यम से प्रदेश के काश्तकारों तथा पशुपालकों की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे.

वह किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघों के पदाधिकारियों तथा जनजातीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित कर रहे थे. राज्य करीब दो-तिहाई आबादी की आजीविका कृषि-बागवानी एवं पशुपालन पर निर्भर करती है. मुख्यमंत्री ने कहा ,'' किसान कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके लिए हमने विगत तीन वर्षों में मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना, कृषक कल्याण कोष के गठन, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना, ऋण माफी, सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना, राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति जैसे कई अहम फैसले किये हैं, जो कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. ''
डेयरी उद्योग को देंगे बढ़ावा
गहलोत ने कहा, '' राज्य सरकार खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन को भी भरपूर बढ़ावा देने का इरादा रखती है. हमारा प्रयास रहेगा कि जिलों में अधिक से अधिक दुग्ध संकलन केन्द्र एवं प्रशीतन केंद्र खुलें.'' उन्होंने कहा कि दुधारू पशुओं की उन्नत नस्लों के संवर्धन एवं संरक्षण के सार्थक प्रयास किए जाएं जिससे कि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान देश का अव्वल राज्य बने. उन्होंने कहा कि किसान राज्य सरकार की नीतियों का फायदा उठाकर अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाएं तथा अपनी उपज का मूल्यवर्धन करें और उन्हें निर्यात के लिए तैयार करें जिसनसे उनकी आय बढ़ेगी और वे खुशहाल बनेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा, '' प्रदेश में पानी की कमी और गिरते भूजल स्तर को देखते हुए राज्य सरकार बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई पद्धति को बढ़ावा दे रही है. किसान इनका अधिकाधिक उपयोग कर जल संरक्षण में अपनी सहभागिता निभाएं.''
कृषि क्षेत्र के लिए बने अलग से बिजली कंपनी
उन्होंने कहा , '' हमारा प्रयास रहेगा कि कृषि क्षेत्र के लिए अलग से बिजली कंपनी बने. सिंचाई के लिए रात-रात भर जागने से किसानों को होने वाली तकलीफ का एहसास सरकार को है.'' उन्होंने कहा कि अब 15 जिलों में किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध होने लगी है, हमारा प्रयास है कि ट्रांसमिशन सिस्टम विकसित कर तथा बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
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