राजस्थान

Pratapgarh: जिला कलेक्टर के “मिशन नवदुर्गा” का समापन समारोह आयोजित

Tara Tandi
17 Jan 2025 11:44 AM GMT
Pratapgarh: जिला कलेक्टर के “मिशन नवदुर्गा” का समापन समारोह आयोजित
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Pratapgarh प्रतापगढ़ । जिला कलक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया के “मिशन नवदुर्गा” के तहत महिला अधिकारिता विभाग की ग्राम साथिनों के आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह का आयोजन शुक्रवार को जिला कलेक्टर डॉ. अंजली राजोरिया की अध्यक्षता में खेलगांव स्थित मल्टीपरपज़ इनडोर स्टेडियम प्रतापगढ़ में किया गया। कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बलवीर सिंह, सहायक निदेशक महिला अधिकारिता विभाग नेहा माथुर, जिला खेल अधिकारी हिमांशु राजोरा सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी, शारीरिक शिक्षक, ग्राम साथीनें उपस्थित रहे।
साथिने सभी महिलाओं और बालिकाओं को दें आत्मरक्षा प्रशिक्षण: जिला कलक्टर
जिला कलक्टर ने महिला साथीनों से संवाद कर प्रशिक्षण के बारे में उनके अनुभव जाने। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में आपने जो कुछ भी सिखा है उसे अन्य महिलाओं और बालिकाओं को भी सिखाएं। उन्होंने आत्मरक्षा की महत्ता के बारे में भी बताया। जिला कलेक्टर ने साथिनो से कार्यक्रम को लेकर सुझाव भी मांगे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान जो कुछ भी आपको सिखाया है उसे आत्मसात करे और अन्य महिलाओं और बालिकाओं को भी आत्मरक्षा प्रशिक्षण दें और साईबर सुरक्षा के बारे में भी जागरूक करे।
सहायक निदेशक महिला अधिकारिता विभाग नेहा माथुर ने बताया की जिला कलेक्टर के महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत की पहल "मिशन नवदुर्गा" के अंतर्गत 8 जनवरी से 17 जनवरी तक प्रशिक्षण सत्र चलाया गया। इस दस दिवसीय साथिन आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के अलावा साईबर अपराध एवं डिजीटल अवेयरनेस पर पुलिस विभाग द्वारा सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें साईबर अपराधों के प्रकार डीप फेक विडियो ऑडियो कॉल, एपीके फाईल आदि के बारे में बताया व साथ ही सोशल मीडीया पर प्राईवेसी एवं अन्य परमिशन के उचित उपयोग के बारे में भी जानकारी दी। प्रशिक्षण टीम द्वारा साईबर अपराध होने पर तुंरत रिपोर्टिंग हेतु 1930 हेल्पलाईन एवं प्रतापगढ जिले हेतु जारी विशेष हेल्पलाईन नंबर 9257749686 के बारे में भी बताया।
घर के काम काज में खुद को भूल गए थे लेकिन प्रशिक्षण से मुझे नया जुनून मिला है: ग्राम साथीन सीमा मेघवाल
ग्राम साथीन सीमा मेघवाल ने जिला कलक्टर से अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि घर के काम काज में खुद को भूल गए थी लेकिन प्रशिक्षण से मुझे नया जुनून मिला है, यह बहुत सराहनीय पहल है। उन्होंने जिला कलक्टर को मिशन नवदुर्गा के लिए धन्यवाद दिया। इसी तरह दलोट के बसाड़ की 49 वर्षीया निवासी सीमा टेलर ने कहा की आत्मरक्षा प्रशिक्षण के पहले दिन आने में उन्हें हिचकिचाहट हो रही थी लेकिन जैसे ही उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया उन्हें बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान नियमित व्यायाम से उनकी दिनचर्या में भी सकारात्मक परिवर्तन आया है और वह अपने घर में और आस पड़ोस में सभी को व्यायाम करने के लिए भी प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उनके अंदर आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना का विकास हुआ। साथ ही उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण से मैंने अपनी ताकत को पहचाना। इस अवसर पर प्रशिक्षक चंद्र प्रकाश गहलोत, शहजाद हुसैन मंसूरी, सविता चौधरी ज्योति बाला पाटीदार सहित अन्य उपस्थित है। मंच का संचालन शारीरिक शिक्षक हरीश बरोलिया द्वारा किया गया।
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राज्य के समग्र विकास की प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे है मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी से निर्यातकों को मिलेगा लाभ
प्रतापगढ़,17 जनवरी। राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 2024 में एक नई निर्यात संवर्द्धन नीति लागू की है। इस नीति का उद्देश्य राज्य के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाना और निर्यातकों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना है। नीति के तहत निर्यातकों को दस्तावेजीकरण, तकनीकी अपग्रेडेशन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आयोजनों में भागीदारी हेतु वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उनके व्यापार में वृद्धि हो सके और लागत में कमी आए। इस पहल से राज्य के उद्योगों को वैश्विक बाजारों तक बेहतर पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री निर्यात वृद्धि अभियान के अंतर्गत, नीति में नए उद्यमियों को निर्यातक बनाने हेतु सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। इसमें निर्यात प्रक्रिया में दस्तावेजीकरण के लिए प्रति इकाई प्रति वर्ष लागत के 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रुपए) तक की सहायता दी जाएगी। यह कदम छोटे और मध्यम उद्यमियों के लिए बेहद लाभकारी है, क्योंकि वे वित्तीय रूप से इसे वहन करने में सक्षम होंगे और वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकेंगे।
राजस्थान में लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए भी कई प्रयास किए गए हैं, जिनसे निर्यातकों को काफी लाभ होगा। इससे राज्य के उत्पादों की कीमतें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेंगी और राजस्थान का निर्यात बढ़ने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर यह नीति राजस्थान के निर्यात क्षेत्र को नई दिशा और गति प्रदान करने का कार्य करेगी जो राज्य की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगी।
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