राजस्थान

टोंक की सरकारी स्कूल के 4 कमरों से गिरता है प्लास्टर

Shreya
25 July 2023 9:59 AM GMT
टोंक की सरकारी स्कूल के 4 कमरों से गिरता है प्लास्टर
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टोंक: टोंक माधोराजपुरा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत हीरापुरा गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा विभाग के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण पिछले दो वर्षों से कक्षा-कक्षों की कमी के कारण विद्यार्थियों को एक साथ बैठकर पढ़ाई करने की समस्या बनी हुई है। ग्रामीण रामस्वरूप हकला, पूर्व सभापति राजकुमार शर्मा, गाजीराम, झुटाराम गुर्जर, रामसिंह हीरावत, रामलाल कुम्हार ने बताया कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हीरापुरा में शिक्षा विभाग के अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण 12 कमरों में से चार व दो बरामदे क्षतिग्रस्त हो गए तथा प्लास्टर गिर गया तथा छत की सरिया बाहर आ गई। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा विद्यालय में कक्षा-कक्ष बनाने के बाद समय-समय पर ध्यान नहीं देने के कारण विद्यालय के कमरे क्षतिग्रस्त होकर दुर्घटना को न्यौता दे रहे हैं.

वर्तमान में स्कूल कहलाने के लिए 12 कमरे बनाए गए हैं। लेकिन सिर्फ 6 कमरे ही बैठने लायक हैं. एक कमरे में कक्षा 1 व 2, दूसरे कमरे में 3 व 4 तथा तीसरे कमरे में कक्षा 6 व 7 तथा बरामदे में कक्षा 11 के छात्र-छात्राओं को एक साथ बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिसके कारण छात्रों को पढ़ाई करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही स्कूल प्रशासन की लापरवाही के कारण छात्रों को क्षतिग्रस्त कमरों में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। स्कूल के छात्र पिछले दो साल से डर के साये में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

वहीं दूसरी ओर विद्यालय के क्षतिग्रस्त बरामदे के नीचे बैठाकर छात्र-छात्राओं को पोषाहार खिलाया जा रहा है. जिससे प्रशासन की लापरवाही के कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इसके साथ ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हीरापुरा में वर्तमान में बालक-बालिकाओं का नामांकन 267 होने के बावजूद भी कमरों में विद्यार्थियों के बैठने की सुविधा नहीं होने से विद्यालय का नामांकन भी दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है। कक्षाओं की कमी को लेकर विद्यार्थियों के अभिभावकों द्वारा पूर्व में कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विरोध जताने के बावजूद अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे ग्रामीणों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के प्रति आक्रोश है. स्कूल प्रशासन द्वारा कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूल में कमरों की कमी के बारे में लिखित रूप से अवगत करवाने के बाद भी उन्होंने इस ओर ध्यान न देकर अपनी आंखें मूंद ली हैं। जिसके कारण विद्यालय के छात्र-छात्राओं को एक साथ बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है. क्षतिग्रस्त कमरों की मरम्मत कराने के लिए ग्रामीणों द्वारा बार-बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। इस संबंध में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हीरापुरा की प्रधानाचार्य नंदबाला मीना ने बताया कि क्षतिग्रस्त कमरों के संबंध में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को कई बार लिखित में अवगत कराया जा चुका है।

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