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राजस्थान | रविवार को जयपुर के सांभर-फुलेरा (Sambhar-Phulera) को संयुक्त रूप से जिला बनाने की मांग को लेकर बवाल मच गया. सांभर-फुलेरा के लोग उनके कस्बों को नवगठित दूदू जिले में शामिल शामिल नहीं करने की भी मांग रहे हैं. इस आंदोलन ने रविवार को उग्र रूप धारण कर लिया. उसके बाद वहां पथराव और जाम कर दिया गया. भीड़ से निपटने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसु गैस के गोले दागने पड़े.
जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर मौखमपुरा में महापड़ाव आहूत किया था. इसमें भारी भीड़ जुटी थी. उसके बाद पुलिस और पब्लिक में टकराव हो गया. यह टकराव इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते वहां पत्थरबाजी शुरू हो गई. पुलिस को हालात पर काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. उसके बाद स्थिति काबू में आई.
इस दौरान करीब 2 दर्जन से ज्यादा आंदोलनकारी और पुलिसकर्मियों को चोट आईं. पुलिस ने कांग्रेस नेता विद्याधर सिंह और समाजसेवी डीडी कुमावत समेत 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया. हालांकि देर रात को दोनों नेताओं को जमानत पर रिहा कर दिया गया. फिलहाल मौके पर शांति है. एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात है.
जानकारी के मुताबिक सांभर-फुलेरा को जिला बनाने की मांग को लेकर क्षेत्रवासियों की ओर से 18 जून को मौखमपुरा में महापड़ाव का निर्णय लिया गया था. इसके बाद दूदू विधायक बाबूलाल नागर ने एक बयान जारी कर चेतावनी दी कि किसी में हिम्मत है तो विधानसभा क्षेत्र में घुसकर दिखाए. किसी को कानून व्यवस्था नहीं बिगाड़ने दी जाएगी.
उसके बाद मामला उस समय और ज्यादा बिगड़ गया जब विधायक नागर ने कथित तौर पर कहा कि मां का दूध पीया है तो महापड़ाव डालकर दिखाओ. दूदू विधायक के इस बयान ने आग में घी डालने का काम किया और क्षेत्रवासियों ने इसे चेलेंज के रूप में लेते हुए महापड़ाव डालने का निर्णय ले लिया. टकराव के हालात को देखते हुए बाद में प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लगा दी.
इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने बिपरजॉय तूफान का हवाला देकर महापड़ाव स्थगित करवा दिया था. आंदोलनकारियों ने सहमति देते हुए 25 जून को मौखमपुरा में महापड़ाव डालने की घोषणा कर दी. प्रशासन ने हाइवे से 10 किलोमीटर पहले कई शर्तों के साथ पालावास के पास महापड़ाव की अनुमति दे दी.
महापड़ाव को देखते हुए एहतियात के तौर पर वहां IG, SP, 4 ASP और 10 DSP समेत स्थानीय पुलिस थानों के जाब्ते के अलावा 1 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए. पुलिस ने जगह-जगह बेरिकेट्स भी लगा दिए. रविवार को महापड़ाव के लिए रवाना हुए हजारों आंदोलनकारी श्योसिंहपुरा के पास पहुंचे तो पुलिस ने साधनों को रोक दिया और पैदल ही आगे जाने की बात कही.
इसके बाद आंदोलनकारी ट्रेक्टर समेत अन्य साधन से और कई पैदल ही सावरदा के पास नेशनल हाइवे पर पहुंचे. वहां उन्होंने जाम करने की कोशिश की. पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो झड़प हो गई. पुलिस बल ने उन्हें खदेड़ा तो पथराव शुरू हो गया. देखते ही देखते हालात बिगड़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां भांजकर उग्र भीड़ को खदेड़कर स्थिति को नियंत्रण में किया
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