अलवर। नीमराना रिसॉर्ट फ्रॉड केस में राजस्थान पुलिस ने कोलकाता बेस्ड कंपनी वेदिका संजीवनी प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. के निदेशक रहे बिल्डर्स राजकिशोर मोदी और उसकी पत्नी सुजाता मोदी को भगोड़ा घोषित कर दिया है। उनकी तलाश के लिए मीडिया में इश्तिहार भी दिए हैं।
राजकिशोर मोदी गैंग के संजय पसारी, राजीव पसारी, सिद्धार्थ जयपुरिया की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। शनिवार को भी कोलकाता में इनके ठिकानों पर छापेमारी की गई। लेकिन, पुलिस के हर मूवमेंट की सूचना लीक होने से इन्हें पकड़ने में सफलता नहीं मिल पाई।
बता दें कि शातिर ठगों की इस गैंग ने नीमराना में डायमंड संजीवनी प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. फर्जी कंपनी के नाम से रिसॉर्ट्स प्रोजेक्ट में सस्ते प्लॉट देने के नाम पर जयपुर, अलवर और दिल्ली के निवेशकों से करोड़ों रुपए ठग लिए हैं। इतना ही इन्होंने निवेशकों को बेचे हुए प्लॉट्स की जमीन गिरवी रखकर वित्तीय संस्थानों से भी 400 करोड़ रुपए का लोन उठाकर डकार गए। शातिरपना भी ऐसा किया कि करोड़ों रुपए डकारने के बाद कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन, निवेशक भी इनका हर जगह पीछा कर रहे हैं।
इधऱ, फ्रॉड के इस केस में अब तक पुलिस ने क्या कार्यवाही की है, इसकी निवेशकों ने ऑनलाइन जानकारी मांगी है। हालांकि अभी तक उन्हें यह जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है। ये निवेशक वर्ष 2020 से पुलिस के पास चक्कर काट रहे हैं। अब जाकर मई, 2023 में उनकी एफआईआर दर्ज हो पाई है।
इधऱ, निवेशकों को आशंका है कि मुल्जिम संजय पसारी और राजकिशोर मोदी अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उनकी मोबाइल लोकेशन ट्रैस करवा रहे हैं, जो कि निजता कानून का उल्लंघन है। इस संबंध में भी निवेशकों ने शाहजहांपुर पुलिस को सूचना देकर इनके खिलाफ गैरकानूनी ढंग से मोबाइल लोकेशन ट्रैस करवाने का मुकदमा दर्ज करने का आग्रह किया है।
इन मुल्जिमों के खिलाफ आरोपों की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि निवेशकों का पैसा लौटाने के बजाय संजय पसारी, राजकिशोर मोदी, राजीव पसारी और सिद्धार्थ जयपुरिया अपनी पत्नियों के साथ फरार होे गए हैं। निवेशक बताते हैं कि राजकिशोर मोदी का बेटा भी फरार हो गया है। इनमें संजय पसारी तो फरारी में भी लगातार अपने वकील पंकज सरावगी से संपर्क करके उसकी मदद ले रहा है।
निवेशकों को मिल रही अलग-अलग नामों से धमकियांः
निवेशकों का कहना है कि उन्हें अलग-अलग नामों से धमकियां मिल रही हैं। यहां तक कि किसी प्राइवेट एजेंसी की मदद से मुल्जिम संजय पसारी और राजकिशोर मोदी द्वारा उनके मोबाइल को टेप किया जा रहा है। क्योंकि धमकी देने वाला सीधे ही उनकी लोकेशन बताकर उन्हें डराने की कोशिश करता है। निवेशकों ने इसकी सूचना पुलिस को भी दी है। पुलिस अब आईटी सेल की मदद मोबाइल टेप करने वाली एजेंसी और मुल्जिमों के बारे में उनकी लोकेशन एवं अन्य जानकारियां जुटा रही है।
अब सिद्धार्थ जयपुरिया को भी भगोड़ा घोषित करने की तैयारीः
उल्लेखनीय है कि खासखबर डॉट कॉम राजस्थान के निवेशकों से हुई धोखाधड़ी प्रकरण का साक्ष्यों के आधार पर लगातार खुलासा कर रहा है। पुलिस चाहे तो आईटी सेल की मदद से संजय पसारी और राजकिशोर मोदी की गैंग का आसानी से पता कर सकती है। क्योंकि निवेशकों के पास अनजान नम्बरों से मिस्ड क़ॉल आ रही हैं। इधर, राजस्थान पुलिस ने इस प्रकरण में अब जयपुर निवासी सिद्धार्थ जयपुरिया को भी भगोड़ा घोषित कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
धारा 41 के नोटिस पर हाजिर होने के लिए कोर्ट से दो बार मिल चुका समयः
निवेशकों के मुताबिक शाहजहांपुर पुलिस की ओर से जांच में सहयोग और पूछताछ के लिए थाने पर हाजिर होने के लिए मुल्जिमों को 2 बार नोटिस दिए जा चुके हैं। पहली बार के नोटिस पर हाजिर नहीं होने के बाद जब पुलिस ने कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेने के प्रयास किए तो मुल्जिमों के वकील के आग्रह पर एयर टिकट (जो कि उसी दिन कैंसिल करवा लिया था) के आधार पर कोर्ट ने उन्हें हाजिर होने के लिए एक और मौका दिया। इसकी भी अवधि निकल चुकी है। कानून के जानकार बताते हैं कि सामान्य रूप से धारा 420, 406, 120बी के मामलों में धारा 41 का नोटिस एक बार ही दिए जाने का प्रावधान है। अब ये मुल्जिम हाईकोर्ट से राहत पाने की जुगत बिठाने में लगे हैं।