कोटा स्पेशल न्यूज़: स्मार्ट सिटी बन रहे कोटा में जिस तरह से वायु व ध्वनि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। उसे कम करने के लिए महानगरों की तर्ज पर कोटा में भी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जानी चाहिए। इन बसों के चलने से शहर वासियों को सस्ती पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा मिल सकेगी। कोटा में कई साल पहले नगर निगम पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए नगरीय बसों का संचालन करता था। वर्तमान में कोटा बस सर्विस लिमिटेड के माध्यम से सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है। पेट्रोल-डीजल के महंगे होने से जहां सीएनजी वाहनों का प्रचलन बढ़ा है। उसी तरह से अब देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन भी तेजी से बढ़ा है। दो पहिया व चार पहिया वाहनों के अलावा कई महानगरों में इलेक्ट्रिक बसों का भी संचालन किया जा रहा है। ऐसे में स्मार्ट सिटी कोटा को ग्रीन व क्लीन सिटीे के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से यहां भी इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाना चाहिए।
शहर में 34 सिटी बसों का संचालन:
शहर में वर्तमान में 34 सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें से अधिकतर बसें चल रही हैं। पूर्व में ये बसें कई साल तक वर्कशॉप में ही खड़ी होने से कबाड़ हो रही थी। जिनकी मरम्मत करवाकर इनका संचालन किया जा रहा है। कोटा बस सर्विस लिमिटेड द्वारा पुणे की निजी फर्म के माध्यम से इन बसों का संचालन किया जा रहा है। ये बसें बड़गांव से खड़े गणेशजी तक और रानपुर से स्टेशन तक और शहर के अन्य मार्गों पर संचालित हो रही हैं। हालांकि इन बसों का किराया भी अन्य नगरीय परिवहन के वाहनों की तुलना में कम है।
23 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन:
जानकारी के अनुसार देश के 23 बड़े शहरों में करीब 777 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें राजस्थान का कोई भी शहर फिलहाल शामिल नहीं है। केरल, लद्दाख, लखनरू, ओड़िसा, राजकोट, दिल्ली, गुजरात व महाराष्ट्र समेत कई शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। जानकारो के अनुसार इन बसों के संचालन से यहां वायु व ध्वनि प्रदूषण में कमी आई है। क्लीन व ग्रीन सिटी के रूप में इन बसों का संचालन किया जा रहा है।
निगम ने चार साल पहले की थी सीएनजी बसें क्रय करने की घोषणा:
गौरतलब है कि नगर निगम के पिछले भाजपा बोर्ड ने करीब 4 साल पहले सीएनजी बसें क्रय करने की घोषणा की भी। तत्कालीन महापौर महेश विजय ने वित्तीय वर्ष 2019-20 की बजट उद्घोषणा में नगरीय परिवहन सेवा के लिए कोटा में निगम के माध्यम से 4 सीएनजी बसें क्रय करने की घोषणा की थी। हालांकि उस घोषणा के बाद बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो गया। उसकी बाद एक साल प्रशासक काल रहा। वर्तमान में दोनोंÞ निगमों में कांग्रेस के बोर्ड हैं। जिन्हें भी करीब दो साल से अधिक का समय हो गया है। लेकिन अभी तक सीएनजी बसों के क्रय करने की घोषणा मूर्त रूप नहीं ले सकी है।
वायु व ध्वनि प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति:
पेट्रोल व डीजल वाहनों से वायु व ध्वनि प्रदूषण अधिक होने पर सीएनजी वाहनों का संचालन बढ़ा है। ऐसे में अब कोटा में भी दो पहिया व चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन तो चलने लगे हैं। जबकि इलेक्ट्रिक बसों का संचालन भी किया जाए तो यहां भी ध्वनि व वायु प्रदूषण में कमी होने के साथ ही इससे राहत भी मिल सकती है। साथ ही यह शहर वासियों के लिए अन्य नगरीय परिवहन की तुलना में सस्ती सेवा होगी।
पहले नगर निगम पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बसों का संचालन करता था। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में नगर निगम समेत कई विभाग मिलकर कोटा में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन भी कर सकते हैं। इसके लिए जहां रात में बसें खड़ी होती हैं वहां बैटरी चार्जिंग पाइंट बना दिए जाएं।। जिससे वहां रातभर में बैटरी चार्ज हो जाए और दिनभर बसें चल सके। शहर के विकास व विस्तार के साथ ही विकास के नए आयाम के रूप में कोटा में इलेक्ट्रिक बसें चलाकर राज्य में पहल की जा सकती है।
- सुमन श्रृंगी, पूर्व महापौर
जिस तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन बढ़ा है। साथ ही जब कोटा में सीएनजी व एलपीजी आधारित शमशान बनाए जा सकते हैं तो फिर इलेक् िट्रक बसों का संचालन भी किया जा सकता है। इससे वायु व ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के साथ ही लोगों को सस्ती परिवहन सेवा भी मिल सकेगी।
- विवेक राजवंशी, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम कोटा दक्षिण
कई बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। इन बसों के चलने से वायु व ध्वनि प्रदूषण कम होगा। इलेक्ट्रिक होने से इनकी गति भी अधिक नहीं होगी। जिससे हादसों का खतरा भी कम हो जाएगा। कोटा में भी यदि इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होता है तो यह शहर के लिए लाभदायक ही होगा।
- राजपाल सिंह, आयुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण
पेट्रोल व डीजल के बढ़ती कीमतों के कारण अब अधिकतर वाहन सीएनजी व इलेक्ट्रिक के चलने लगे हैं। ऐसे में कोटा में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन भी किया जाए तो बेहतर होगा। शहर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने में सहायक होगा। लम्बे मार्ग पर बड़ी और छोटे मार्ग पर छोटी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा सकती हैं। निगम बोर्ड व स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठकों में भी कोटा में इन बसों के संचालन का सुझाव दिया जाएगा।
- राजीव अग्रवाल, महापौर, नगर निगम कोटा दक्षिण