राजस्थान

विधानसभा आम चुनाव 2023 चुनाव के दौरान मुद्रक व प्रकाशक के नाम पते के बिना सामग्री नहीं छपेगी 127 क का उल्लंघन

Tara Tandi
26 Sep 2023 8:48 AM GMT
विधानसभा आम चुनाव 2023 चुनाव के दौरान मुद्रक व प्रकाशक के नाम पते के बिना सामग्री नहीं छपेगी 127 क का उल्लंघन
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विधानसभा आम चुनाव 2023 के दौरान निर्वाचन पैम्फलेटों, पोस्टरों आदि का मुद्रण एवं प्रकाशन लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 के उपबंधों द्वारा विनियमित किया गया है। धारा 127 में विभिन्न उपबंधित किये गये है।
जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अंशदीप ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव के दौरान कोई व्यक्ति किसी ऐसे निर्वाचन पैम्फलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा अथवा मुद्रित या प्रकाशित नहीं करवायेगा, जिसके मुख पृष्ठ पर मुद्रक एवं इसके प्रकाशक का नाम व पता न लिखा हो। कोई व्यक्ति किसी निर्वाचन पैम्फलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण नहीं करेगा या मुद्रित नहीं करवायेगा जब तक कि प्रकाशक की पहचान की घोषणा उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हो, द्वारा सत्यापित न हो तथा जिसे उनके द्वारा डुप्लीकेट मुद्रक को न दिया जाये, जब तक कि दस्तावेज के मुद्रण के पश्चात उचित समय पर मुद्रक द्वारा दस्तावेज की एक प्रति के साथ घोषणा की एक प्रति न भेजी जाये।
हाथ से लिखी गई प्रतियों के अलावा दस्तावेज की प्रतियों की संख्या बढ़ाने के लिये किसी प्रक्रिया को मुद्रण समझा जायेगा तथा वाक्यांश मुद्रक को तदनुसार समझा जाये तथा निर्वाचन पैम्फलेट अथवा पोस्टर से तात्पर्य है अभ्यर्थी अथवा अभ्यर्थी के समूह के निर्वाचन के प्रचार या पूर्वाग्रह के उद्देश्य से वितरित किये गये हेण्डबिल अथवा दस्तावेज या कोई इस्तेहार जो निर्वाचन के संदर्भ में हो, परन्तु जिसमें केवल निर्वाचन एजेंटों अथवा कार्यकर्ताओं के लिये निर्वाचन सभाओं तथा नेमी अनुदेशों की तिथि, समय, स्थान तथा अन्य विवरण की घोषणा से जुड़े कोई हेण्डबिल विज्ञापन अथवा पोस्टर शामिल न हो।
कोई व्यक्ति जो उपधारा एक अथवा उपधारा 2 के किसी भी उपबंध का उल्लंघन करता है, वह 6 महीने तक का कारावास तथा जुर्माना 2 हजार रूपये तक बढ़ाया जा सकता है अथवा दोनों से दण्डनीय होगा। निर्वाचन पैम्फलेटों, पोस्टरों इत्यादि के मुद्रण पर उक्त प्रतिबंध इन दस्तावेजों के प्रकाशकों एवं मुद्रकों की पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से विधि द्वारा अधिरोपित किये गये हैं ताकि यदि धर्म, वंश, जाति, समुदाय या भाषा या विरोधी के चरित्र हनन इत्यादि के आधार पर अपील जैसे किसी ऐसे दस्तावेज जिसमें कोई ऐसे मामले या सामग्री शामिल हो, जो अवैध, आपराधिक या आपत्तिजनक हो, तो संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध आवश्यक दण्डात्मक या निरोधक कार्यवाही की जा सकती है।
जिला कलक्टर ने बताया कि धारा 127 क के प्रावधानों तथा आयोग के अनुदेशों के किसी भी प्रकार के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जायेगा और संबंधित पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी, जो राज्य के संगत कानूनों के तहत कुछ मामलों में प्रिन्टिंग प्रेस के लाईसेंस का प्रतिसंहरण भी हो सकती है।
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