राजस्थान

Dungarpur: स्वास्थ्य दल आपके द्वार ,तृतीय चरण प्रारम्भ मौसमी बीमारियों की रोकथाम

Tara Tandi
7 Oct 2024 11:09 AM GMT
Dungarpur: स्वास्थ्य दल आपके द्वार ,तृतीय चरण प्रारम्भ मौसमी बीमारियों की रोकथाम
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Dungarpur डूंगरपुर । जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह के निर्देशों की अनुपालना में जिले में मौसमी बीमारियों मलेरिया, ड़ेंगू एवं वायरल प्रकोप को रोकने के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा उच्चाधिकारियों की निगरानी में एंटी लार्वा गतिविधियों के साथ-साथ आमजन को जागरूक करने के लिए ‘स्वास्थ्य दल आपके द्वार’ का तृतीय चरण प्रारंभ किया गया है। सीएमएचओ डॉ. अलंकार गुप्ता ने बताया कि मच्छर जनित बीमारियों के मौसम को देखते हुए इसके बचाव व रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आवश्यक कदम उठाए है। इसमें मच्छरों की ट्रांसमिशन श्रृंखला को तोड़ने हेतु मच्छररोधी गतिविधियां आवश्यक है। इसके अन्तर्गत 04 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2024 तक “स्वास्थ्य दल आपके द्वार“ तृतीय चरण शुरू किया गया है। विभाग की ओर से रोकथाम व बचाव के लिए एन्टी लार्वल गतिविधियां, फॉगिंग, स्प्रे, सर्वे व जागरूकता के लिए स्वास्थ्य दल डोर टू डोर जाकर बचाव व रोकथाम के लिए जानकारी देंगे तथा शहरी क्षेत्र में जल भराव वाले क्षेत्रों, स्लम एरिया तथा प्रभावित क्षेत्रों की सूची तैयार कर एक माइक्रोप्लान बनाकर फोगिंग, सर्वे एवं एन्टी लार्वल गतिविधियां
आयोजित की जा रही हैं।
ये रखनी होगी सावधानियां
सीएमएचओ डॉ. गुप्ता ने बताया कि मच्छर जनित बीमारियों के बचाव के लिए हमें सतर्क व सजग रहना बेहद जरूरी है। बीमारियों पर अंकुश लगाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी मच्छरों को पनपने से रोकना है, इसलिए हमें अपने घर से शुरूआत करनी होगी। घर में रखे गमले, मटके, छतों पर अनावश्यक पड़े टायर, कबाड़ आदि में मच्छर पनपते है। इनमें पानी जमा ना होने दे। बेम्बू, बोतल आदि में लगे पौधों में भी लार्वा पैदा हो जाते है, इनके पानी को सप्ताह में दो बार अवश्य बदलें। नियमित रूप से सफाई अभियान घर में भी चलाएं। घरों के आस-पास भी पानी एकत्रित न होने दें। कूलर व फ्रीज के पीछे लगी ट्रे को नियमित रूप से साफ करें। आमजन इन दिनों पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें। बुखार आदि होने पर नजदीकी चिकित्सालय में संपर्क करें। नीम की पत्तियों का धुंआ घर में फैलाएं, पानी के बर्तन को खुला न रखें, किचन एवं बाथरूम को सूखा रखें, कूलर के पानी को नियमित रूप से बदले। शरीर पर मच्छर को दूर रखने वाली क्रीम लगाएं। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस-पास मच्छर मारने वाली दवा का छिडकाव करवाएं। अस्पतालों में उपचार की पूरी व्यवस्था है किसी भी तरह का बुखार आने पर तत्काल चिकित्सालय में जाकर चिकित्सक परामर्श ले व पूर्ण जांच-उपचार करवाये।
गठित की गई हैं टीमें
सीएमएचओ डॉ. गुप्ता ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 22 टीमों का गठन किया गया है जो कि प्रत्येक वार्डवाइज टीमें सर्वे कर रही है। इसमें एएनएम, आशा सहयोगिनी एवं अन्य नर्सिग स्टूडेंट को नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि संबंधित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जनता क्लिनिक के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी एवं हैल्थ सुपरवाईजर को फील्ड में जाकर एंटीलार्वा गतिविधियां आयोजित करने तथा सहयोगात्मक सुपरविजन एवं मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये गये है। साथ ही नगर निगम के स्वास्थ्य निरीक्षक, जमादार एवं सफाई कर्मचारी भी चिकत्सा टीमों के साथ मिलकर सहयोग प्रदान कर रहें है। जिले में 20 जून से अब तक 547 टीम के द्वारा कुल 146290 घरों का सर्वे ओडीके एप द्वारा किया गया है जिसके अन्तर्गत कुल 792 घरों में लार्वा पाए गए है। इनमें एंटीलार्वा गतिविधियां संपादित की जा रही हैं।
सभी चिकित्सा केन्द्रों पर पर्याप्त इंतजाम
सीएमएचओ डॉ. गुप्ता ने सभी सीएचसी एवं पीएचसी प्रभारियों को निर्देश दिए कि अधिकारी मौसमी बीमारियां के उपचार के लिए सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित करें। पर्याप्त मात्रा में जांच किट एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मलेरिया, डेंगू सहित अन्य मौसमी बीमारियों के पॉजिटिव केस पाए जाने पर संबंधित क्षेत्र में निर्धारित प्रोटोकॉल अनुसार सभी गतिविधियां सुनिश्चित की जाएं। स्प्रे का छिड़काव एवं फोगिंग नियमित रूप से करवाया जाएं।
ये है लक्षण
सीएमएचओ डॉ. गुप्ता ने बताया कि मौसमी बीमारियों में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के शुरुआती लक्षणों में रोगी को ठंड लगती है, भूख कम लगती है, सिरदर्द, कमरदर्द, चमड़ी के नीचे लाल धब्बे होना और आंखों में तेज दर्द हो सकता है। इसके साथ ही उसे लगातार तेज बुखार रहता है। इसके अलावा, जोड़ों में दर्द, बेचौनी, उल्टियां जैसी समस्याएं भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि इन लक्षणों को पहचानकर व्यक्ति बिना देरी के चिकित्सक से परामर्श ले और इसका उपचार करवायें।
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