राजस्थान
Dr. Sarvepalli राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर का दीक्षांत समारोह आयोजित
Tara Tandi
16 July 2024 10:41 AM GMT
x
Jaipur जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय आयुर्वेद चिकित्सकीय ज्ञान को पुस्तकों, शास्त्रों से बाहर लाने और आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार उसे विकसित करने की दृष्टि से कार्य करे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आयुर्वेद के भारतीय विशिष्ट उत्पादों के पेटेन्टीकरण में भी आगे बढ़े।
श्री मिश्र मंगलवार को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के सप्तम दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय आयुष पद्धतियां, योग, प्राणायाम आदि प्रकृति से जुड़ा जीवन बचाने का ज्ञान है। नवीन अनुसंधानों ने इसे प्रमाणित किया है कि आयुर्वेद असाध्य रोगों में भी बहुत कारगर है। उन्होंने कहा कि इस ज्ञान का उपयोग जीवन बचाने के लिए कैसे हो, इस पर विश्वविद्यालय कार्य करे।
राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद स्वास्थ्य से जुड़ा महती ज्ञान है। इसका उपयोग गरीब, जरूतमंदों की निःस्वार्स्थ भाव से सेवा में किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा आई.आई.टी. जोधपुर के साथ मिलकर आर्युटेक के माध्यम से आयुर्वेद के मनीषियों द्वारा बताए हुए यंत्रो के आधुनिकीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
श्री मिश्र ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के श्विकसित भारत 2047श् के संकल्प की पूर्ति के लिए युवाओं को आगे आकर सहभागिता निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं से मेरी यह भी अपेक्षा है कि वे प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के ज्ञान को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विकसित करते हुए भारत की इस महान विरासत के जरिए राष्ट्र को नई दिशाएं दें। उन्होंने आयुर्वेद शिक्षा से जुड़े युवाओं से अपनी श्रमशील, संयमशील, उद्यमशील एवं प्रबंधकीय क्षमता का भरपूर उपयोग करते हुए आयुष पद्धति की भारतीय दृष्टि के उदात्तचरित की उत्तरोतर वृद्धि कर पूरे विश्व का नेतृत्व किए जाने पर जोर दिया।
श्री मिश्र ने विश्वविद्यालय के पंचकर्म विभाग के अंतर्गत “अंतराष्ट्रीय सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स” के निर्माण को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे आयुर्वेद पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने भारत सरकार की आयुष वीजा नीति और आयुर्वेद के ज्ञान के वैश्विक प्रसार के लिए किए जा रहे कार्यों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद न केवल चिकित्सा पद्धति है अपितु समग्र जीवन पद्धति है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वैद्य बनवारी लाल गौड़ ने शिक्षा की प्राचीन भारतीय परंपरा और आयुर्वेद की भारतीय चिकित्सा पद्धति के महत्व और भविष्य की संभावनाओं के आलोक में दीक्षांत भाषण दिया।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, प्राकृतिक और योग संकाय के 2 हजार 416 विद्यार्थियों को स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधियां प्रदान की। उन्होंने विभिन्न संकायों की 10 छात्राओं को और एक विद्यार्थी को कुल 11 स्वर्ण पदक प्रदान किए। उन्होंने कहा कि बालिकाओं का शिक्षा में उत्कृष्टता का यह प्रदर्शन सराहनीय है। उन्होंने कहा कि एक बालिका यदि पढ़ती है तो दो परिवार शिक्षित हो जाते हैं। उन्होंने महिला शिक्षा को मातृ शक्ति का सम्मान बताया।
इससे पहले उन्होंने डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वैद्य बनवारी लाल गौड़ को विश्वविद्यालय डी. लिट. की मानद उपाधि प्रदान की।
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालय परिसर में नैचुरापैथ एवं योग महाविद्यालय भवन का ऑनलाइन लोकार्पण भी किया। प्रारंभ में उन्होंने संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया।
TagsDr. Sarvepalli राधाकृष्णन्राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालयजोधपुर दीक्षांतसमारोह आयोजितDr. Sarvepalli RadhakrishnanRajasthan Ayurveda UniversityJodhpur convocation ceremony organizedजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Tara Tandi
Next Story