राजस्थान

Simalwara पंचायत समिति के गुजरात से सटे मांडली गांव में जिला कलक्टर की रात्रि चौपाल

Tara Tandi
6 July 2024 9:52 AM GMT
Simalwara पंचायत समिति के गुजरात से सटे मांडली गांव में जिला कलक्टर की रात्रि चौपाल
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dungarpur डूंगरपुर । जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने शुक्रवार को पंचायत समिति सीमलवाड़ा की ग्राम पंचायत मांडली में रात्रि चौपाल में ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। राउमावि मांडली में आयोजित रात्रि चौपाल में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। इनमें महिलाओं और स्कूली बच्चियों ने भी अपनी बात खुलकर रखी।
गुजरात सीमा से सटे सीमलवाड़ा ब्लॉक के मांडली गांव में शाम ढलते ही अधिकारियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। जिला कलक्टर रात्रि चौपाल में पहुंचे तो ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र के विकास के लिए खुले मन से चर्चा करते हुए पानी, बिजली, सड़क, चिकित्सा आदि बुनियादी व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। वहीं, कुछ ग्रामीणों ने लैम्प्स, मांडली में 12 वीं कक्षा में विज्ञान संकाय शुरू करवाने, भैंसला बस स्टैंड पर स्पीड ब्रेकर बनवाने, ट्रांसफॉर्मर लगवाने और पेयजल जैसी समस्याओं से अवगत करवाया। जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने हर परिवादी की समस्या को संवेदनशीलता पूर्वक सुना और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। लैम्प्स की शिकायत पर जिला कलक्टर ने संबंधित विभागीय अधिकारी को जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। एडीएम कुलराज मीणा, उपखंड अधिकारी राकेश कुमार न्योल सहित सभी विभागों के जिला और ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
हर दिन 4400 लीटर दुग्ध उत्पादन
क्षेत्र में पिछले दिनों हुई अच्छी वर्षा से ग्रामीण उत्साहित नजर आए। वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक पृथ्वीराज सिंह चौहान ने बताया कि दुग्ध उत्पादन में मांडली पूरे डूंगरपुर में टॉप पर है। यहां प्रतिदिन 4400 लीटर दुग्ध उत्पादन होता है। इसमें 80 प्रतिशत दूध भैंस और 20 प्रतिशत दूध गाय का शामिल है। यहां से गुजरात की साबर डेयरी में दूध जाता है। वहीं, लाइन टू लाइन सोइंग, बीटी कॉटन, ड्रिप पद्धत्ति से सिंचाई भी जिले में सबसे पहले मांडली में शुरू हुई थी। पूरे क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन उद्योग का रूप ले चुका है। इससे रोजगार और आय के नए अवसर मिले हैं। स्थानीय निवासियों की लंबे समय से सरकारी डेयरी स्थापित करने की मांग है। आईसीडीएस विभाग के अनुसार मांडली में 6 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं। यहां एक भी कुपोषित या अतिकुपोषित बच्चा नहीं है। मांडली में सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स का वार्षिक सत्यापन हो चुका है।
अधिकारियों ने योजनाओं की दी जानकारी
विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों को मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना की जानकारी दी। इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थी प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, तारबंदी, प्याज भंडारण केंद्र, कृषि के लिए पाइपलाइन में अनुदान योजना की जानकारी दी गई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 1 अप्रैल 2024 से न्यूनतम पेंशन की राशि 1150 रुपये कर दी गई। पेंशन का निरंतर लाभ पाने के लिए पेंशनर्स वार्षिक सत्यापन करवाएं।
नए अवसरों के लिए तैयार रहे युवा, इंटरनेट का करें सकारात्मक उपयोग- जिला कलक्टर
जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने कृषि के क्षेत्र में स्थानीय कृषकों की प्रगतिशील सोच की सराहना करते हुए किसानों से ड्रिप सिंचाई, तारबंदी, प्याज भंडारण केंद्र जैसे कृषि के नवीनतम संसाधनों को अपनाने और सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि गांव में आते हैं तो कई विभागों के काम का पता चलता है। वाकई यहां के किसान प्रगतिशील हैं। लाभार्थी किसान भी अच्छी संख्या में हैं। जिला कलक्टर सिंह ने 12वीं और 10वीं में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी को आने वाले वाले समय के लिए अभी से तैयार करना होगा। नए कैरियर ऑप्शन उपलब्ध हैं। टीचर्स बच्चों को गाइड करें कि 12 वीं के बाद क्या ऑप्शन हैं। इंटरनेट से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। गाड़ी में आते हुए मैंने भी ऑनलाइन कोर्स किया है। गांव के बड़े बुजुर्ग युवाओं को सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करें।
सीमलवाड़ा में श्री अन्नपूर्णा रसोई और सीएचसी का किया निरीक्षण
इससे पहले जिला कलक्टर ने सीमलवाड़ा में श्री अन्नपूर्णा रसोई और सीएचसी का औचक निरीक्षण किया। अन्नपूर्णा रसोई में मेनू, भोजन की गुणवत्ता, भोजन सामग्री, लाभार्थियों की संख्या, साफ-सफाई आदि का जायजा लिया। वहीं, सीएचसी में उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया और स्टाफ के बारे में जानकारी ली। चिकित्सकों से उपलब्ध दवाओं, ओपीडी, मौसमी बीमारियों से निपटने की तैयारी, एम्बुलेंस सुविधा, ऑपेरशन थिएटर, वार्ड, दवा वितरण केंद्र का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए। वार्ड में भर्ती मरीजों से संवाद कर चिकित्सा व्यवस्था के बारे में फीडबैक लिया।
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