जैसलमेर: जैसलमेर इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान को स्वीडन के एक नागरिक की ओर से जलाने के मामले को लेकर जैसलमेर में विरोध-प्रदर्शन किया गया। मुस्लिम महासभा जैसलमेर के नेतृत्व में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राष्ट्रपति के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कुरान को जलाने वाले को फांसी की सजा देने की मांग की गई। मुस्लिम समुदाय ने शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद हनुमान चौराहे से लेकर कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला और एडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर स्वीडन के खिलाफ अपना विरोध भी दर्ज करवाया।
मुस्लिम महासभा के जैसलमेर अध्यक्ष मठार फकीर ने बताया कि ईस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान को स्वीडन के एक नागरिक की ओर से शहीद किया गया। पवित्र ग्रंथ कुरान की बेअदबी की जिससे दुनिया भर के इस्लाम को मानने वाले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। घटना से पूरे विश्व में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की ओर से विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। घटना से भारत में भी इस्लाम को मानने वाले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, जगह-जगह विरोध दर्ज करवाया जा रहा है। राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर के इस्लाम को मानने वाले अनुयायियों द्वारा इस घटना की कड़ी निन्दा की जा रही है। ज्ञापन में धार्मिक पवित्र ग्रंथ कुरान में आगजनी का विरोध स्वीडन सरकार के सामने दर्ज करवाने की भी मांग की गई।
गौरतलब है कि स्वीडन में ईद-अल-अजहा के मौके पर स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर एक शख्स ने कुरान जलाकर प्रदर्शन किया था। इसके लिए उसे स्वीडिश सरकार से परमिशन मिली थी। अभिव्यक्ति की आजादी के तहत एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी। इस प्रोटेस्ट में सिर्फ एक ही व्यक्ति अपने ट्रांसलेटर के साथ शामिल हुआ था। प्रदर्शन कर रहे शख्स ने कुरान के कुछ पन्नों को फाड़कर उसमें आग लगा दी। इसके बाद उसने स्वीडन का झंडा भी लहराया था। प्रोटेस्ट देख रहे 200 लोगों में से कुछ उसके पक्ष में तो कुछ विरोध में नारे लगाए थे। इनमें से एक व्यक्ति ने अरबी में गॉड इज ग्रेट चिल्लाकर प्रदर्शनकारी पर पत्थर भी फेंका। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था।