कांग्रेस कर रही मोहब्बत की दुकान के नाम पर देश का अपमान : दीप्ति किरण
राजसमंद। विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने कहा कि कांग्रेस मोहब्बत की दुकान के नाम पर देश का अपमान कर रही है। कांग्रेस नेता विदेशों में जाकर भारत के अल्पसंख्यकों में डर और उत्पीड़न की भ्रामक व झूठी बातें करते हैं। भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर गलत टिप्पणियां करते हैं। कांग्रेस तंत्र विश्व में भारत की छवि धूमिल करने का सुनियोजित प्रयास कर रहा है।
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने बामण टुंकड़ा, केलवा, धनवल व देवतलाई गांवो का गहन भ्रमण कर क्षेत्रवासियों व भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ भेंट की एवं समसामयिक विषयों पर चर्चा की। विधायक दीप्ति ने कहा कि कांग्रेस नेता देश की अर्थव्यवस्था के रसातल में जाने की भविष्यवाणियां कर रहे थे। किन्तु आज भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। विगत 9 वर्षों में गरीबों का जीवन स्तर सुधारने के लिए कई नए कार्यक्रम चलाए गए हैं। 85% कमीशन खाने वालों को भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन की व्यवस्था पसंद नहीं आ रही है।
दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान में सड़कों का जाल बिछाने के लिए भारत सरकार ने 20,000 करोड़ रुपए की सहायता दी है। राजस्थान में 1300 कि.मी. के राष्ट्रीय राजमार्गो का विकास किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क एवं सम्पर्क विहिन सड़क योजना में 90% से अधिक गांवों को पक्की सड़क से जोड़ा गया है। किन्तु कांग्रेस नेताओं की आपसी कलह से राजस्थान में शासन व्यवस्था चरमरा गई है। विकास के काम ठप हो गए हैं। आज राजस्थान में बेरोजगारी की दर देश में सबसे अधिक है।
विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने पूर्व राज्यमंत्री एवं विधायक सुरेन्द्र सिंह के जन्म दिवस समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर बिकावास माताजी प्रांगण में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना की। क्षेत्र की कई शोक बैठकों में सम्मिलित होकर दिवगंतजनों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कई मांगलिक एवं धार्मिक आयोजनों में भी भाग लिया।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।