राजस्थान

Bund : केंद्र और राज्य सरकार की मंशानुरूप अब हर व्यक्ति का हैल्थ अकाउंट बनाया जाएगा

Tara Tandi
1 Aug 2024 1:19 PM GMT
Bund : केंद्र और राज्य सरकार की मंशानुरूप अब हर व्यक्ति का हैल्थ अकाउंट बनाया जाएगा
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Bundi बून्दी। केंद्र और राज्य सरकार की मंशानुरूप अब हर व्यक्ति का हैल्थ अकाउंट बनाया जाएगा। इसमें डिजीटल रूप में व्यक्ति का स्वास्थ्य रेकाॅर्ड उपलब्ध होगा। इससे व्यक्ति को अनावश्यक कागजात का रेकाॅर्ड नहीं रखना पड़ेगा। इसमें डॉक्टर को रिपोर्ट दिखाने से लेकर अन्य रिपोर्ट अपलोड कर सकते हैं। इसे एक क्लिक पर डाउनलोड किया जा सकता है। जिले में अब तक 52.69 फीसदी नागरिकों की आभा आईडी बन चुकी है। बूंदी जिले में अब तक 2 लाख 54 हजार 267 की आभा
आईडी बन चुकी है।
सीएमएचओ डाॅ. ओपी सामर ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) मरीज को देश के किसी भी कोने में सरल और सहज रूप से स्वास्थ्य सुविधा दिलाने की पहल है। एबीडीएम के तहत देश के हर नागरिक का आयुष्मान भारत हैल्थ अकाउंट (आभा आईडी) बनाया जा रहा है। इस आईडी के माध्यम से यूजर अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्त रेकार्ड सुरक्षित रूप से स्टोर कर सकते हैं एवं आवश्यकता पड़ने चिकित्सक के साथ साझा भी कर सकते हैं। आईडी बनाने पर 14 अंकों का एक अकाउंट नम्बर अलाॅट होगा, जिसमें संबंधित व्यक्ति ऐप के माध्यम से अपने चिकित्सा से संबंधित रेकार्ड, लैब रिपोर्ट, डाॅक्टर का लिखा दवा का पर्चा, डाॅक्टर नोटस, इमेज, वैक्सीन इत्यादि डिजिटल प्लेटफार्म पर सुरक्षित रख सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के कार्मिक आभा आईडी बना रहे हैं। लाभार्थी स्वयं भी अपनी आभा आईडी बना सकता है। यह अकाउंट मोबाइल में भी आराम से जनरेट हो जाएगा। इसके लिए व्यक्ति को मोबाइल में प्ले स्टोर पर जाना होगा। यहां से इसे डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सभी निजी और सरकारी डायग्नोस्टिक लैब को एबीडीएम कम्प्लायंट लैब मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम से जोड़ा जाएगा।। इससे मरीज कहीं भी इलाज कराए, उसकी मेडिकल हिस्ट्री उसके आभा अकाउंट पर मिल जाएगी।
नहीं रखनी होगी पुरानी रिपोर्ट
हेल्थ अकाउंट बनाने से उसमें रिकॉर्ड का संधारण करने का फायदा मिलेगा। अक्सर मरीज डॉक्टर के पास पहुंचता है तो उससे बीमारी की जानकारी ली जाती है। चिकित्सक रोगी से पूर्व की जांच रिपोर्ट मांगता है। कई बार रेकॉर्ड नहीं होने से दिक्कत आती है। ऐसे में दोबारा सारी रिपोर्ट आने के बाद उपचार शुरू होता है। पुराना रेकाॅर्ड रहे तो डाॅक्टर को बड़ी मदद मिलती है।
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