हरियाणा के सभी सरकारी विश्वविद्यालय बने "दिव्यांग -मित्र"
चंडीगढ़। हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है जिसके सभी 12 सरकारी विश्वविद्यालय " दिव्यांग -मित्र " बन गए हैं। इनमें दिव्यांगजनों की सुगमता को ध्यान में रखकर लिफ़्ट , रैम्प , व्हीलचेयर ,टैक्टाइल लगाई गई हैं। यह सब संभव हो पाया है हरियाणा के दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ के प्रयासों से।
भिवानी जिला में दिव्यांगों की मांग पर एक गॉंव से दूसरे गॉंव तक एक "संपर्क -सड़क " का भी निर्माण किया जाएगा। माना जाता है कि यह भी देश में अपनी तरह का पहला उदाहरण स्थापित होगा कि दिव्यांगजनों की जरुरत को देखते हुए दिव्यांगजन आयुक्त ने आदेश दिए हों और राज्य सरकार ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सड़क निर्माण के टेंडर भी कर दिए। हरियाणा के दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने बताया कि उनसे कुछ दिव्यांग-विद्यार्थियों ने डिमांड की थी कि कई विश्वविद्यालय दो से लेकर 4 मंजिल तक होते हैं जिनमे क्लास लगाने के लिए उनको ऊपर नीचे चढ़ना पड़ता है। इससे उनको भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
मक्कड़ ने बताया कि उन्होंने दिव्यांगजन के लिए बनाए गए कानून का हवाला देते हुए प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को आदेश दिए कि उनके परिसर में दिव्यांगजन की सहूलियत के लिए लिफ़्ट , रैम्प ,व्हीलचेयर तथा टैक्टाइल बनाए जाएं। इसके अलावा , दिव्यांगजन के लिए साइन-लैंग्वेज भी अंकित की जाए ताकि दृष्टि -बाधित दिव्यांगजनों को वॉशरूम आदि आवश्यक जरूरतों के लिए जाने में आसानी हो सके। उन्होंने बताया कि उक्त सभी विश्वविद्यालयों ने आदेशों की अनुपालना करते हुए सभी प्रबंध करके कम्प्लाइंस-रिपोर्ट भेज दी है। दिव्यांगजन आयुक्त ने आगे जानकारी दी कि नए शैक्षणिक सत्र से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र तथा महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक में दिव्यांगों के लिए ई- रिक्शा चलाई जाएंगी , जो कि दिव्यांगों को विश्वविद्यालय परिसर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक निःशुल्क लेकर जाएंगी।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।