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Punjab,पंजाब: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट Punjab and Haryana High Court की फटकार के बाद पंजाब सरकार ने खरीद एजेंसियों को 26 नवंबर तक मंडियों में पड़े सभी धान को उठाने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल ने कल खरीदे गए अनाज को सुरक्षित न रखने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट की टिप्पणी के जवाब में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव विकास खन्ना ने राज्य की चारों खरीद एजेंसियों पनसप, पंजाब स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन, पनग्रेन और मार्कफेड के साथ-साथ भारतीय खाद्य निगम के क्षेत्रीय कार्यालय को मंडियों से धान का उठान पूरा करने को कहा है। संबंधित एजेंसियों को खरीद के बाद निर्धारित 72 घंटे के भीतर खरीदे गए धान को उठाना सुनिश्चित करने को कहा गया है।
जानकारी के अनुसार सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदे गए 21.44 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) धान का अभी तक उठान नहीं हो पाया है। फिलहाल मंडियों में 165.77 एलएमटी धान की आवक हुई है, जिसमें से 163.36 एलएमटी की खरीद हो चुकी है। इसमें से 141.92 लाख मीट्रिक टन मंडियों से उठा लिया गया है। मंडियों में अभी भी पड़े खरीदे गए धान का सबसे अधिक प्रतिशत मलेरकोटला (21.52 प्रतिशत), जालंधर (20.74 प्रतिशत), लुधियाना (20.10 प्रतिशत), संगरूर (19.46 प्रतिशत); होशियारपुर (18.42 प्रतिशत) और फिरोजपुर (17.98 प्रतिशत) में है। कुल मिलाकर 14 जिले ऐसे हैं, जहां धान नहीं उठाए जाने का प्रतिशत 10 प्रतिशत से अधिक है। सबसे अधिक उठाव पठानकोट, पटियाला और फाजिल्का में हुआ है।
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Payal
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