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दूध और गोबर खरीद को लेकर योजना तैयार

Shantanu Roy
14 Dec 2023 9:27 AM GMT
दूध और गोबर खरीद को लेकर योजना तैयार
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शिमला। प्रदेश सरकार ने अपनी एक और गारंटी पूरी करने की तैयारी करते हुए दूध व गोबर खरीद को लेकर योजना तैयार कर ली है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने कई अहम निर्णय लेते हुए इनकी खरीद प्रक्रिया में बदलाव किया है, साथ ही अधिकारियों के टारगेट भी तय किए हैं। इस कड़ी में सरकार ने संबंधित अधिकारियों को 1 जनवरी से पहले दूध कमेटी गठित करने का टारगेट दिया है तथा फैट के हिसाब से दूध के दाम 80 से 100 रुपए प्रति लीटर तय किए जाएंगे। यानि जिसमें फैट कम होगा, वह 80 रुपए तथा जिसमें फैट अधिक होगा, उसकी 100 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से खरीद की जाएगी। प्रदेश सरकार ने दूध के खरीद मूल्य में 6 रुपए की वृद्धि कर ली है। ऐसे में अब किसानों से 37 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दूध खरीदा जा रहा है।

इस खरीद योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पशुपालन विभाग और कृषि विभाग के 2 नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। आरम्भिक चरण में योजना के अंतर्गत 1 जनवरी तक एक ब्लॉक में 250 से 300 किसानों को पंजीकृत कर दूध कमेटी गठित करने का लक्ष्य दिया गया है। साथ ही गोबर खरीद के लिए छोटे, सीमांत और प्रगतिशील किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से उनके कलस्टर बनाए जाएंगे। इसके अलाव किसानों के पास 3 से 4 पशु और 25 कनाल जमीन जरूर होनी चाहिए। किसानों व पशुपालकों से 50 फीसदी दूध सरकार खरीदेगी तथा शेष का उपयोग किसान अपने उपयोग के लिए रखेगा। वहीं गोबर खरीद के लिए किसानों को 10, 20 व 50 किलोग्राम की बोरियां दी जाएंगी।

गोबर खरीद योजना को लेकर बुधवार को कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने कृषि और पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने योजना की सफलता के लिए दोनों विभाग के अधिकारियों को सामंजस्य के साथ कार्य करने का आह्वान किया तथा कहा कि गोबर खरीद योजना के तहत खंड स्तर पर कलस्टर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कलस्टर में सम्मिलित किसानों को कृषि के साथ-साथ मुर्गी पालन व मौन पालन जैसे संबद्ध क्षेत्रों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इन किसानों को प्रदेश सरकार की अनुदान योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा। इस मौके पर शाहपुर से विधायक केवल सिंह पठानिया, सचिव कृषि सी. पॉलरासु, निदेशक कृषि कुमुद सिंह, निदेशक पशुपालन डा. प्रदीप कुमार शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों से खरीदे गए गोबर का भंडारण किया जाएगा और गोबर की आपूर्ति बागवानी, कृषि क्षेत्र और नर्सरी इत्यादि में सुनिश्चित की जाएगी। किसानों द्वारा उत्पादित जैविक उत्पादों के विपणन के लिए बाजार उपलब्ध करवाया जाएगा और जैविक फसलों को आकर्षक दाम पर खरीदा जाएगा। किसानों को प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और नीतियों से अवगत करवाने के लिए ई-पुस्तिका उपलब्ध करवाई जाएगी।

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