ओडिशा

आज पुरी में निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

Renuka Sahu
1 July 2022 2:27 AM GMT
Lord Jagannaths Rath Yatra will go out in Puri today
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फाइल फोटो 

ओडिशा के पवित्र शहर पुरी में आज भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा निकलेगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ओडिशा के पवित्र शहर पुरी में आज भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा निकलेगी। पुरी में भारी संख्या में दुनियाभर के लोग जुटना शुरू हो गए हैं। सामान्य समय में लाखों लोग 'आषाढ़ी बीज' के दिन रथयात्रा के मार्ग में देवताओं और जुलूस की एक झलक पाने के लिए इकट्ठा होते हैं, जिसमें सजे-धजे हाथी और कई झांकियां शामिल होती हैं।

अमित शाह ने की मंगला आरती
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुबह करीब 4 बजे अहमदाबाद मंदिर में भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती की। मंदिर के पुजारी ने कहा कि 'मंगला आरती' परंपरा कई सालों से चली आ रही है। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ सुबह करीब सात बजे मंदिर परिसर से निकलेंगे।
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने बुधवार को कहा कि रथ यात्रा की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस, रिजर्व पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस के 25,000 जवानों को तैनात किया जाएगा। इससे पहले सांघवी और गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सी.आर. पाटिल ने जमालपुर इलाके में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर का दौरा किया और कुछ अनुष्ठानों में हिस्सा लिया।
सांघवी ने संवाददाताओं को बताया कि रथयात्रा के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम नियमित सिपाही के अलावा राज्य रिजर्व पुलिस (एसआरपी) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 68 कंपनियां तैनात करेंगे। उन्होंने कहा कि निगरानी के लिए टेक्नोलॉजी का व्यापक इस्तेमाल किया जाएगा।
सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने बनाए 125 रेत रथ
रथयात्रा के लिए पुरी समुद्र तट पर सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने 125 रेत रथ बनाए हैं। इन्होंने 2016 का अपना लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा है, इससे पहले उन्होंने 100 रेत रथ बनाए थे।
रेल मंत्री ने किया निरीक्षण
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार रात शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ पुरी रेलवे स्टेशन पर जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारी का निरीक्षण किया। गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब ने कहा कि भगवान जगन्नाथ का सबसे बड़ा त्योहार रथ यात्रा है जो हर साल होती है। पिछले 2 वर्षों से भक्तों की भागीदारी महामारी के कारण वर्जित थी, लेकिन इस वर्ष अनुमति दी गई है।
25000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे
अहमदाबाद में आगामी भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के मार्ग पर 25,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। दो साल के अंतराल के बाद यह यात्रा हो रही है इसलिए लाखों की तादात में लोगों के शामिल होने की संभावना है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
परंपरागत रूप से शहर के जमालपुर इलाके में 'आषाढ़ी बीज' पर चार सौ साल पुराने मंदिर से सुबह 7 बजे से रथों के नेतृत्व में जुलूस शुरू होता है और कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाको समेत पुराने शहर से गुजरने के बाद रात 8 बजे तक लौटता है।
अधिकारियों ने बताया, भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथयात्रा में 1 जुलाई को राज्यभर से लाखों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर के सभी मार्गों पर कम से कम 25 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा।
ड्रोन कैमरों से असामाजिक तत्वों पर होगी नजर
मंत्री ने कहा, "हम नियंत्रण कक्ष और ड्रोन से जुड़े कैमरों का उपयोग करके नजर रखेंगे। पुलिस जुलूस के मार्ग में घूमने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए फेस डिटेक्शन कैमरे भी लगाएगी।"
जुलूस में कम से कम 18 हाथी, 100 ट्रक और 30 अखाड़े (स्थानीय व्यायामशाला) शामिल होंगे, जो दिन के दौरान 15 किमी की दूरी तय करेंगे। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को परंपरा के अनुसार खलासी समुदाय द्वारा खींचा जाएगा।
दो साल बाद हो रही रथयात्रा
2020 में जब गुजरात हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक जुलूस की अनुमति देने से इनकार किया था तब भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर में एक प्रतीकात्मक रथयात्रा का आयोजन किया गया था।
पिछले साल, केवल तीन रथों और दो अन्य वाहनों ने पूरे मार्ग को कवर किया था और सामान्य उत्सव के बिना वापस लौट आए थे, क्योंकि किसी अन्य वाहन, गायन मंडली, अखाड़े, हाथी या सजाए गए ट्रकों की अनुमति नहीं थी।


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