ओडिशा
IMPC की महासंगम यात्रा लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर पहुँची, भव्य रुद्राभिषेक एवं त्रिशूल पूजन संपन्न
Gulabi Jagat
31 Jan 2025 9:55 AM GMT
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Bhubaneswar: अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) एवं भगवा ऐप द्वारा आयोजित महासंगम यात्रा आज उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित ऐतिहासिक लिंगराज मंदिर पहुँची। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख और प्राचीनतम धार्मिक स्थलों में से एक है, जहाँ भगवान शिव और विष्णु के हरिहर स्वरूप की पूजा होती है। इस भव्य यात्रा का नेतृत्व अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) के कार्यकारी अध्यक्ष श्री राजेश यादव व IMPC के राष्ट्रीय महामंत्री एवं AVPL International के चेयरमैन श्री दीप सिहाग सिसाय द्वारा किया जा रहा है। इस यात्रा में IMPC 80 सदस्य एवं अन्य गणमान्य यात्रा कर रहें है।
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आज, यात्रा ने सिंहपुरी धाम में विधिवत पूजन के बाद लिंगराज महाराज के दरबार में प्रवेश किया, जहाँ शिवलिंग का रुद्राभिषेक एवं त्रिशूल पूजन भव्य भजन-कीर्तन के साथ संपन्न हुआ। इस आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और पूरे मंदिर परिसर में “हर-हर महादेव” के जयकारों से दिव्य वातावरण बन गया।
लिंगराज मंदिर: ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
लिंगराज मंदिर न केवल अपनी धार्मिक मान्यता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी अद्भुत वास्तुकला भी इसे एक प्रमुख आकर्षण बनाती है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां भगवान शंकर और विष्णु के हरिहर स्वरूप के दर्शन कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करते हैं। IMPC की इस यात्रा के माध्यम से इस ऐतिहासिक धरोहर को नई पहचान देने और भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया गया है।
जमशेदपुर में कौशल विकास संस्थान में त्रिशूल पूजन
इससे पहले, महासंगम यात्रा ने जमशेदपुर से प्रस्थान करने से पूर्व छोटी बच्चियों द्वाराके लिए संचालित एक कौशल विकास संस्थान में त्रिशूल पूजन किया। इस संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बालिकाओं ने यात्रा का स्वागत किया और भक्तिमय वातावरण में विशेष पूजा-अर्चना की गई। यह आयोजन IMPC की महिला सशक्तिकरण एवं कौशल विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
108 त्रिशूलों का पूजन
इसके लावावा यात्रा के साथ चल रहें 12 त्रिशूलों का भी पूजन किया गया। आपको बता दें महाकुंभ प्रयागराज में स्तिथ महामंडलेश्वर स्वामी दयानंद सरस्वती जी के आश्रम में 108 त्रिशूलों का पूजन 108 पंडितों द्वारा सुबह और सायं किया जा रहा है, यह पूजन 30 दिन की इस यात्रा के दौरान लगातार जारी रहेगा। इसके बाद इन त्रिशुलों को मंदिरों me स्थापित किया जायेगा।
अगला पड़ाव: मल्लिका ज्योतिर्लिंग
IMPC की यह महासंगम यात्रा अब मल्लिका ज्योतिर्लिंग की ओर प्रस्थान करेगी। मार्ग में आने वाले छोटे-बड़े सभी शिवालयों में पूजन और अभिषेक किया जाएगा, जिससे भोलेनाथ की सेवा और उनकी आराधना निरंतर जारी रहे। यात्रा के दौरान, भगवान शिव के त्रिशूल को विशेष पूजा-अर्चना के बाद प्रतिष्ठित किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु धर्म और आध्यात्मिकता के इस दिव्य अभियान से जुड़ सकें।
भगवा ऐप : टूरिज्म और भारतीय संस्कृति का संगम
भगवा ऐप द्वारा समर्थित इस महासंगम यात्रा का उद्देश्य भारत की संस्कृति और सभ्यता से युवाओं को जोड़ना है। यात्रा के दौरान IMPC के यात्रा सारथी बनाकर हिंदू सेवकों को वॉलंटियर के रूप में जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा, पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदारों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और प्राचीन मंदिरों की सफाई के लिए टीम का गठन भी किया जा रहा है। IMPC का लक्ष्य 1 लाख वॉलंटियर जोड़कर देशभर के धार्मिक स्थलों को पुनर्जीवित करना है। साथ ही, यात्रा के माध्यम से धार्मिक स्थलों को डिजिटल टूरिज्म से जोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है, ताकि भारत की प्राचीन धरोहर को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिल सके।
यात्रा के बारे में
पवित्र महासंगम यात्रा 23 जनवरी 2025 को दिल्ली से शुरू होकर 24 फरवरी 2025 को दिल्ली में समाप्त होगी। यह यात्रा 12 ज्योतिर्लिंगों और 4 धामों की यात्रा करती हुई भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों को एकजुट करने और उनकी महिमा को फिर से स्थापित करने का उद्देश्य रखती है। यात्रा की शुरुआत महाकुंभ में 108 त्रिशूलों के जलाभिषेक से हुई, और ये त्रिशूल 108 शिव मंदिरों में स्थापित किए जाएंगे।
यात्रा के दौरान, 12 त्रिशूल, एक शिवलिंग और एक शिव मूर्ति 12 ज्योतिर्लिंगों और 4 धामों में प्रतिष्ठित की जाएगी, साथ ही इन मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा, जिसमें सफेदी, लाइट्स, पानी की सुविधा, और वाई-फाई जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को इन 108 त्रिशूलों को शक्तिकेंद्र के रूप में 108 शिव मंदिरों में स्थापित किया जाएगा।
हमारा उद्देश्य है कि इन मंदिरों को उनकी भव्यता और महिमा पुनः प्राप्त हो और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिले। यह यात्रा भगवान शिव की भक्ति और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण को प्रेरित करती है।
अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) के बारे में
अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) एक समर्पित संगठन है जो भारत के मंदिरों और सांस्कृतिक स्थलों के पुनर्निर्माण के लिए काम कर रहा है। इसका उद्देश्य इन पवित्र स्थानों को फिर से जीवित करना और उन्हें समृद्ध समुदाय केंद्रों में बदलना है। हम यह कार्य समुदायों, निजी उद्यमों और सरकारों के सहयोग से कर रहे हैं। हमारा मिशन धरोहर संरक्षण, सामाजिक उत्थान और पर्यावरणीय स्थिरता पर आधारित है, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से मेल खाता है।
हम मंदिरों के पुनर्निर्माण के साथ-साथ, सामाजिक समरसता और पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके तहत हम मंदिरों में बुनियादी सुविधाओं, जैसे पानी, सफाई और नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास और बच्चों के कल्याण के कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं। IMPC का उद्देश्य भारतीय मंदिरों और सांस्कृतिक स्थलों के माध्यम से देश में सामाजिक समृद्धि, पर्यावरण संरक्षण और एकता को बढ़ावा देना है।
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