महाराष्ट्र

पूर्व पुलिसकर्मी शिंदे को कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार, कहा -साजिश में शामिल था, पैरोल का किया गलत इस्तेमाल

Renuka Sahu
27 March 2022 2:30 AM GMT
पूर्व पुलिसकर्मी शिंदे को कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार, कहा -साजिश में शामिल था, पैरोल का किया गलत इस्तेमाल
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फाइल फोटो 

महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण की स्पेशल कोर्ट ने बीते शनिवार को कहा कि पूर्व पुलिसकर्मी विनायक शिंदे ने प्रथम दृष्टया उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास विस्फोटक रखने की साजिश में हिस्सा लिया था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महाराष्ट्र (Maharashtra) की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की स्पेशल कोर्ट ने बीते शनिवार को कहा कि पूर्व पुलिसकर्मी विनायक शिंदे (Ex Cop Vinayak Shinde) ने प्रथम दृष्टया उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास विस्फोटक रखने की साजिश में हिस्सा लिया था.कोर्ट ने कहा कि पुलिसकर्मी ने फर्जी मुठभेड़ मामले में उसे दी गई पैरोल का जानबूझकर दुरुपयोग किया. वहीं, स्पेशल जज ए टी वानखेड़े ने मंगलवार को शिंदे को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की है.

दरअसल, शनिवार को आए कोर्ट के आदेश मे कहा गया है कि रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के फर्जी मुठभेड़ मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा शिंदे पिछले साल फरवरी में एंटीलिया बम की घटना के समय पेरोल पर बाहर था. पूर्व पुलिसकर्मी ने इस आधार पर जमानत का अनुरोध किया था कि उसे मामले में ''झूठा फंसाया गया'' और केवल ''अनुमान और धारणा'' के आधार पर आरोपी बनाया गया. इस दौरान शिंदे ने अपने वकील के माध्यम से कहा था कि शुरुआत में उसका नाम नहीं था और न ही चार्जशीट में ऐसी कोई बात थी जो आरोपी की गिरफ्तारी को सही ठहरा सके.
आरोपी है दोषी काट रहा है उम्रकैद
वहीं,अभियोजन पक्ष ने शिंदे की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी सीधे तौर पर अपराध में शामिल था. साथ ही कहा कि शिंदे के खिलाफ आरोप हैं कि वह अपनी इच्छा से एक अन्य आरोपी (सचिन वाजे) द्वारा रची गई संगठित अपराध की कथित साजिश में शामिल हुआ. ऐसे में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि यह सही है कि आरोपी हत्या के एक मामले में दोषी है और उम्रकैद की सजा काट रहा है.
"परोल के दौरान शिंदे ने सचिन वाजे से किया संपर्क
बता दें कि NIA की स्पेशल कोर्ट ने कहा, "परोल के दौरान उसने सचिन वाजे से संपर्क किया, जिसके बाद इस मामले में शामिल एक गवाह और बार मालिकों को भी वाजे से मिलवाया. उसने उस गवाह से जबरन रकम भी वसूल की. इतना ही नहीं, शिंदे ने 'पुलिस कांस्टेबल विनय' होने का नाटक किया. कोर्ट ने कहा कि यह आवेदक/अभियुक्त के आपराधिक व्यवहार और आचरण को दर्शाता है. इसके अलावा जज ने कहा कि कारमाइकल रोड (एंटीलिया के पास) पर जिलेटिन वाली गाड़ी रखने और मनसुख हिरन की हत्या की साजिश, अकेले सचिन वाजे द्वारा किए जाने की दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
कोर्ट का दावा- शिंदे ने दी गई परोल का किया जानबूझकर दुरुपयोग
इस दौरान कोर्ट ने कहा,कि यह सबूत हो सकता है कि आवेदक (शिंदे) को साजिश के आखिरी रिजल्ट के बारे में पता नहीं हो, लेकिन,वह इसमें शामिल हुआ और उसने दी गई परोल का जानबूझकर दुरुपयोग किया. गौरतलब है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास बीते 25 फरवरी 2021 को एक स्कॉर्पियो गाड़ी मिली थी, जिसमें विस्फोटक यानी जिलेटिन की छड़ें रखी हुई थीं. तब मनसुख हिरेन ने दावा किया था कि यह वाहन चोरी होने से पहले उसके कब्जे में था. जहां पर बीते कुछ दिनों बाद 5 मार्च 2021 को ठाणे जिले में हिरेन का शव एक नाले में मृत पाया गया था. हालांकि, अब एटीएस महाराष्ट्र मामले की जांच कर रही है.
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