मध्य प्रदेश

ग्रामीण पानी के लिए परेशान, 300 से 500 रुपए देकर टैंकर खरीदने मजबूर, जल जीवन मिशन योजना के काम की कछुआ चाल

Gulabi Jagat
1 May 2024 11:57 AM GMT
ग्रामीण पानी के लिए परेशान, 300 से 500 रुपए देकर टैंकर खरीदने मजबूर, जल जीवन मिशन योजना के काम की कछुआ चाल
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रायसेन। पीएचई विभाग रायसेन द्वारा जल जीवन मिशन योजना की स्थिति 393 गांवों में स्वीकृत है। 208 गांव में हुआ कार्य पूरा,185 गांव में अपूर्ण 9355 कुल हैंडपंप में से 87 बंद 1250 कुल गांव हैं। जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य गांव में हर घर साफ और स्वच्छ जल उपलब्ध कराना है। लेकिन योजना का मूल उद्देश्य अधूरे पानी टंकी अधूरी पड़ी पाइप लाइनों से भटक गया है। जिससे ग्रामीण पेयजल संकट की मार झेल रहे हैं वैशाख महीने में ग्रामीण और महिलाएं गांव के खेतों के ट्यूबवेल से पानी धुलाई करने के लिए मजबूर है।
इनका कहना है.....
जल जीवन मिशन योजना का सभी जगहों पर काम अच्छा चल रहा है। जहां पर निर्माण कार्य धीमा होने की शिकायत मिलती है वहां के संबंधित ठेकेदार को निर्देशित किया जाता है।स्वदेश कुमार मालवीय ईई पीएचई रायसेन
अधिकांश नलजल योजना अधूरी ग्रामीण संकट में,....
300 से ज्यादा गांव में पानी संकट
पीएचई की करीब 350 से ज्यादा गांव में पुरानी नलजल योजना है। इनमें से अधिकांश योजना बंद पड़ी है। योजना में बनी पानी टंकी और बिछी पाइप लाइन सिर्फ दिखावा बनकर रह गई है। लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद इसका सही तरह से संचालन नहीं होने से ऐसी स्थिति बनी है। वर्तमान में ही करीब 300 से अधिक गांव में सबसे अधिक पानी की समस्या है। कई जनप्रतिनिधियों के गांव में ही पानी को लेकर हायतौबा की स्थिति है।
केस-01. गांव: गुन्दरई
आबादी: 1500
क्या स्थिति: इस गांव में जल जीवन मिशन योजना स्वीकृत है। लेकिन काम अभी तक चालू नहीं हुआ है। पिछले 8 महीने से गांव के लोग भीषण जलसंकट से जूझ रहे हैं। पानी के स्त्रोत कम होने और दूसरा जो थे उनका वाटर लेवन डाउन होने से लोगों को पानी के लिए रात-दिन एक करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यह गांव ओबेदुल्लागंज ब्लॉक में आता है।तहसील रायसेन का यह आखिरी गांव है। जिसमें पानी के ऐसे हालात हैं तो अन्य जगह क्या होगा आसानी से समझ सकते हैं।
जल संकट से जूझते गांवों की कहानी...
केस-02. गांव: महू पथरई
आबादी: 2500
क्या स्थिति: जल जीवन मिशन योजना में करीब एक करोड़ रुपए से भी ज्यादा राशि स्वीकृत हुई थी। इससे करीब दो साल से काम चल रहा है।इन दोनों गांव की बनीं पानी की टँकीया करोड़ों खर्च कर शो1पीस साबित हो रही हैं।
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