मध्य प्रदेश

60 की उम्र के बाद संभालें सेहत

Admin Delhi 1
3 Oct 2023 4:28 AM GMT
60 की उम्र के बाद संभालें सेहत
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उम्र के इस पड़ाव पर स्वास्थ्य के लिए ज्यादा चुनौतियां

इंदौर: वृद्धावस्था जीवन का महत्त्वपूर्ण चरण है. यह उम्र का संघर्ष है. उम्र के इस पड़ाव पर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए नई चुनौतियां सामने आती हैं. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, बुजुर्गों में एक ही समय में कई रोग होने की आशंका बढ़ जाती है. केन्द्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय की लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी इन इंडिया के अनुसार भारत में लगभग 75% बुजुर्ग किसी न किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं, 40% दिव्यांग हैं और 20% मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं. 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 23 फीसदी बुजुर्ग आबादी में कई तरह के रोग (मल्टी मोर्बेडिटी) हैं. आमतौर पर 60 वर्ष के बाद बुजुर्गों में सुनने की क्षमता क्षीण होने लगती है. आंखों में मोतियाबिंद, पीठ व गर्दन में दर्द, आस्टियोआर्थराइटिस, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज डायबिटीज और डिमेंशिया जैसी समस्याएं देखी जाती हैं.

1. हड्डी व जोड़ से जुड़े रोग

बुजुर्गों में ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटॉइड आर्थराइटिस और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं. हड्डी और जोड़ों से जुड़े रोग इस उम्र में जीवन की गुणवत्ता पर असर डालते हैं. रोजाना काम करने की गति को कम करते हैं.

क्या करें: फिजिकल एक्टिविटी पर ज्यादा ध्यान दें. सक्रिय रहें.

कैल्शियम और विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ लें.

सर्दियों में सनबाथ लें. दिन में एक बार धूप में बैठें. गर्मी में सुबह सात-बजे दस मिनट धूप में बैठें.

2. संतुलन में कमी आना

उम्र बढ़ने के साथ दिमाग में शरीर को बैलेंस करने वाले सेंसर्स कमजोर हो जाते हैं. इससे शरीर संतुलन खोने लगता है.

क्या करें: बुजुर्गों के कमरे में ऐसा फर्श न बनवाएं जो कि फिसलन पैदा करता हो. घर में हैंडल व बार लगवाएं.

रात को वॉशरूम जाने के लिए अचानक उठकर न जाएं. पहले थोड़ा बैठें और फिर जाएं.

कमरे में रात को हल्की रोशनी अवश्य रखें.

5. कैंसर, बीपी, डायबिटीज

उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और कैंसर जैसी घातक बीमारियों की आशंका भी इस उम्र में रहती है.

क्या करें: साल में दो बार रुटीन चेकअप अवश्य कराएं.

सेहतपूर्ण जीवन के लिए शारीरिक गतिविधियां जारी रखें.

नियमित बीपी व शुगर की जांच करें. यदि दवाएं लेते हैं तो बिना स्किप किए अपनी दवाएं समय से लें.

नियमित योग-व्यायाम करें. वॉक दिन में दो बार अवश्य करें.

डॉ. आलोक गुप्ता

सीनियर फिजिशियन, जोधपुर

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