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शिवराज सिंह चौहान आधी आबादी को लुभाने के लिए बीते दिनों ‘लाडली बहना योजना’ का ऐलान किए थे।
जनता से रिश्ता | मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी दल पूरे जोर-शोर के साथ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आधी आबादी को लुभाने के लिए बीते दिनों ‘लाडली बहना योजना’ का ऐलान किए थे। इस योजना के तहत सभी पात्र महिलाओं को राज्य सरकार हर महीने एक हजार रुपए देने वाली है। लेकिन अब कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के इस महत्वाकांक्षी योजना से एक फायदा उठाने का प्लान बनाया है। ऐसे में CM शिवराज जिस योजना से राज्य की महिला वोटरों को साधने में जुटे थे अब उनके सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। आइए समझते हैं…
कांग्रेस का निशाना किधर?
दरअसल, ‘लाडली बहना योजना’ में रजिस्ट्रेशन कराने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस योजना में लगभग 1 करोड़ 25 लाख महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है। ऐसा अनुमान है कि इनमें से लगभग 80 लाख महिलाएं ही पात्र हैं। ऐसे में राज्य सरकार जून के पहले हफ्ते से करीब 80 लाख महिलाओं को हर महीने 1 हजार रुपए देने वाली है। गौरतलब है कि राज्य में महिला वोटरों की कुल संख्या 2 करोड़ 60 लाख हैं। कांग्रेस अब उन महिला वोटरों को साधने में जुट गई है जिन्हें ‘लाडली बहना योजना’ का लाभ नहीं मिल सकेगा। यानी लगभग 1 करोड़ 80 लाख महिला वोटरों को साधने के लिए अब कांग्रेस ने प्लान बनाना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस का प्लान?
एमपी में CM शिवराज ने ‘लाडली बहना योजना’ का ऐलान करते हुए कहा कि महिलाओं को हर महीने 1 हजार रुपए दिए जाएंगे। चुनाव से पहले कांग्रेस ने भी अब एक योजना का ऐलान करने का प्लान बनाया है। राज्य के पूर्व सीएम कमलनाथ ‘नारी सम्मान योजना’ का ऐलान करने वाले हैं।
इस योजना के तहत कांग्रेस का वादा है कि एमपी में सरकार बनने के बाद महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए दिए जाएंगे। साथ ही कांग्रेस ने 500 रुपए का सिलेंडर देने का भी वादा किया है। इन दो वादों से कांग्रेस महिला वोटरों को अपने पाले में करने में जुट गई है। ऐसे में भाजपा के सामने अब कांग्रेस ने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है।
‘लाडली बहना योजना’ में लाखों महिलाओं का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। वहीं लाखों महिलाओं इस योजना के तहत पात्र भी नहीं हैं।
ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस योजना से नाराज हुई महिलाओं को कांग्रेस लुभाने में जुट गई है। ऐसे में अगर महिलाओं का वोट कांग्रेस की ओर शिफ्ट होता है तो इससे भाजपा के सामने नई चुनौती खड़ी हो सकती है। गौरतलब है कि सूबे की 230 सीटों में से 18 सीटों तो ऐसी हैं जहां महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों से अधिक हैं। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘लाडली बहना योजना’ से नाराज हुई बहनों को ‘मामा’ कैसे मनाते हैं।