मध्य प्रदेश

Raisen: खतरों के साए में पढ़ाई करने के लिए मजबूर सरकारी स्कूल के छात्र छात्राएं

Gulabi Jagat
26 Nov 2024 1:02 PM GMT
Raisen: खतरों के साए में पढ़ाई करने के लिए मजबूर सरकारी स्कूल के छात्र छात्राएं
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Raisenरायसे/रायसेन।जिले की तहसील सिलवानी में प्रदेश की डॉ मोहन सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर भले ही चाहे कितने दावे करले ।लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि स्कूल का शिक्षा मंदिर कहे जाने वाले स्कूल भवनों की मौजूदा समय में यह हालत है कि स्कूल बिल्डिंगें बनने के साथ ही धराशाई होने लगी हैं ।जिसके कारण छात्र छात्राओं को खंडहर हो चुके स्कूल भवन में रोज मौत के साए का सामना होता है ।इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ते नजर आते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तहसील मुख्यालय सिलवानी से मात्र 6, किलो मीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत साईखेड़ा में पी आई यू विभाग के द्वारा करीब 3 वर्ष पूर्व 1,करोड़ 73 लाख रुपये की राशि से नए स्कूल भवन का निर्माण कार्य निर्माण एजेंसी से कराया गया था।जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया ।प्रदेश सरकार द्वारा जहां एक ओर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के पी आई यू विभाग रायसेन जिले के अधिकारियों का निर्माण एजेंसी पर खुला संरक्षण होने के कारण स्कूल भवन खुद वेंटीलेटर के सहारे चल रहे हैं ।जिसकी वजह से रोज सैकड़ो छात्र-छात्राओं का स्कूल भवन खतरे के साए में विद्यार्थी शिक्षा अध्ययन करने के लिए विवश हैं। इसके बावजूद भी पी आई यू विभाग के जिले तथा संभाग के अधिकारी स्कूल भवन निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी तथा मूल्यांकन करने वाले उपयंत्री और स्कूल भवन का निरीक्षण करने वाले एसडीओ पर कार्रवाई करने में अक्षम साबित हो रहे हैं।



पी आई यू विभाग के द्वारा निर्माण एजेंसी से करीब 3 वर्ष पूर्व 1, करोड़ 73 हजार की राशि स्कूल भवन का निर्माण कार्य कराया गया था ।जो कि बेहद घटिया किस्म का कराया गया था निर्माण।बताया जा रहा है कि यह स्कूल भवन कई स्थानो से क्षतिग्रस्त हो गया है।
स्कूल भवन की दीवार और पिलरों के बीच बना गैप......
स्कूल भवन कई जगहों से खस्ताहाल होने के साथ ही यह स्कूल भवन की पिलर से लगकर बनी दीवारों में भी गैप आ गया है ।ऐसे में छात्र-छात्राओं के लिए बनाए गए टॉयलेट (शौचालय )क्षतिग्रस्त पड़े स्कूल भवन के सेकंड मंजिल मैं लगे पिलर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।स्कूल बिल्डिंग की दीवारो तथा पिलर का मटेरियल छत तथा पिलर की दीवारों से नीचे गिर रहा है ।जर्जर भवन की दीवारों में बड़ी दरारें आ गई है। जिसके कारण भविष्य में छात्र छात्राओं के साथ हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता ।इसके बावजूद भी सैकड़ों की संख्या में छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
इनका कहना है....
स्कूल भवन की मरम्मत के लिए फिर से कार्य योजना बनाई जा रही है।चिंता की कोई बात नहीं।छात्र छात्राओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए हमने यह फैसला लिया है कि स्कूल भवन की मरम्मत बहुत जरूरी है।
एसके मिश्रा ईई पीआईयू रायसेन
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