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इंदौर: दृष्टिबाधित लोगों को दया की जरूरत नहीं है, भगवान ने उन्हें कई गुण और क्षमताएं दी हैं, उन्हें केवल समर्थन और मार्गदर्शन की जरूरत है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और दूसरों की भी मदद और समर्थन करने में सक्षम हो सकें।
ये बातें रविवार को नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड कैंपस (बॉम्बे हॉस्पिटल के पास) में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने व्यक्त कीं. उद्योगपति एवं शिक्षाविद् विनोद अग्रवाल एवं नीना देवी अग्रवाल के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप उपाध्याय ने कहा कि ईश्वर ने दृष्टि बाधितों को विशेष योग्यताएं दी हैं, दृष्टि बाधितों को समाज के सहयोग की आवश्यकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता सुनील तिवारी ने कहा कि समाज को दृष्टि बाधितों से प्रेरणा लेने की जरूरत है. उनमें बहुत जोश और साहस है, हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए.' अशोक मुखर्जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के दृष्टिबाधित लोगों को संसाधन एवं सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं, जिससे उनका समुचित विकास नहीं हो पाता है और वे चाहकर भी आगे नहीं बढ़ पाते हैं, हमें उनका पूरा सहयोग करना चाहिए.
पूर्व पोस्ट मास्टर जनरल एएसआईएस पाल ने कहा कि नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड दृष्टिबाधित लोगों को अधिकतम सेवा और सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। यदि समाज इन जरूरतमंद लोगों का सहयोग करे तो बेहतर परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। कार्यक्रम में गेराल्ड जस्टिन, पिनाकी बनर्जी, राजपाल सिंह भाटिया आदि भी मौजूद रहे। इस अवसर पर दृष्टिबाधितों के लिए रसोई निर्माण हेतु आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई। कार्यक्रम का संचालन शफी शेख ने किया. आभार संजय लोखंडे ने व्यक्त किया।