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अवैध निर्माण को वैध करने की सीमा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत
इंदौर: शासन ने अवैध निर्माण को वैध करने की सीमा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दी है। आवासीय भवनों की कंपाउंडिंग फीस कलेक्टर गाइडलाइन की 12 प्रतिशत और व्यावसायिक भवनों की कंपाउंडिंग फीस कलेक्टर गाइडलाइन की 18 प्रतिशत होगी। अतिरिक्त अवैध निर्माण को वैध करने की यह सुविधा केवल उन्हें ही मिलेगी, जिन्होंने 1 जनवरी 2021 से पहले बिल्डिंग परमिशन ली है। राज्य शासन ने 30 प्रतिशत की कंपाउंडिंग के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 31 अगस्त तय की है।
लंबे समय से प्रदेश में डेवलपर्स और बिल्डर्स कंपाउंडिंग की सीमा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनवरी के पहले सप्ताह में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अफसरों को इस संबंध में नियमों में बदलाव करने के निर्देश दिए थे। गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी हो गई। शिवराज सरकार ने भी 31 अगस्त 2021 को कंपाउंडिंग की सीमा 30 प्रतिशत कर दी थी, लेकिन 2022 में इसे वापस ले लिया था।
कंपाउंडिंग की सीमा बढ़ाने की अधिसूचना जारी होने के बाद इसकी प्रक्रिया तय होगी। पिछली बार कंपाउंडिंग के लिए सेल्फ असेसमेंट की सुविधा दी गई थी। इस बार भी सेल्फ असेसमेंट की सुविधा मिल सकती है। इससे कंपाउंडिंग के आवेदनों का निपटारा जल्दी होगा। सरकार के इस फैसले से शहर में बड़ी संख्या में अवैध निर्माण शुल्क जमाकर वैध हो सकेगा।