मध्य प्रदेश

पर्युषण पर्व में कत्लखानें व मांस विक्रय बंद करवाने Jain Samaj सह आईजा ने सौंपा ज्ञापन

Gulabi Jagat
30 Aug 2024 3:40 PM GMT
पर्युषण पर्व में कत्लखानें व मांस विक्रय बंद करवाने Jain Samaj सह आईजा ने सौंपा ज्ञापन
x
Thandla थांदला। जीवदया प्रेमी सत्य अहिंसा प्रधान जैन धर्म के पवित्र पावन पर्युषण पर्व दिनों में थांदला सहित ज़िलें में बूचड़खानें व मांस विक्रय पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने श्वेताम्बर जैन संघ व ऑल इंडिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (आईजा) के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर व एसडीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जैन समाज से मूर्तिपूजक संघ अध्यक्ष कमलेश जैन (दायजी), तेरापंथ सभा अध्यक्ष दिनेश मेहता, अरविंद रुनवाल, स्थानकवासी संघ अध्यक्ष भरत भंसाली, सचिव प्रदीप गादिया, पुर्व अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, वरिष्ठ सदस्य यतीश छिपानी, पारस तलेरा आईजा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन नाहर, तहसील प्रभारी समकित तलेरा, प्रवक्ता अजय सेठिया आदि मौजूद रहे। ज्ञापन का वाचन करते हुए संघ अध्यक्ष भरत भंसाली ने बताया कि श्वेताम्बर समाज के पर्युषण 31 अगस्त से प्रारम्भ होकर 8 अगस्त तक चलेंगें इस दौरान सभी प्रकार की मांस विक्रय व कत्लखानों पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
आईजा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन नाहर व कमलेश जैन ने कहा कि समग्र जैन समाज जिसमें श्वेताम्बर, तेरापंथ व दिगम्बर समाज आता है उनके पर्युषण पर्व 31 अगस्त से 15 सितंबर तक चलेंगें इस दौरान केंद्र व मध्यप्रदेश शासन के एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की एडवाइजरी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के साथ माननीय सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी है कि सभी स्थानों पर चलने वालें कत्लखाने व मांस विक्रय को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए। एसडीएम तरुण जैन ने स्थानिय स्तर पर नगर परिषद को त्वरित निर्देश देते हुए ज्ञापन के पालन के लिए लिख दिया है वही जिला कलेक्टर को भी आवेदन की कॉपी भेजने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अवैध बूचड़खाने व खुलें में अवैध मांस विक्रय पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया हुआ है फिर भी नगर में अनेक स्थानों गली मोहल्लों यहाँ तक कि प्रमुख सड़कों पर भी खुलें में मांस बिक रहा है व अवैध बूचड़खाने भी संचालित हो रहे है। इसके पूर्व भी एसडीएम तहसीलदार व नगर परिषद के साथ ही ज़िलें कि टीम ने भी अनेक स्थानों को चिन्हित करते हुए दुकानों पर तालें लगाए थे बावजूद इसके आज भी वैसी ही हालत है जिसका सख्ती से पालन जरूरी है।
Next Story