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मध्य प्रदेश
ग्वालियर मेयर चुनाव : मध्य प्रदेश की सबसे हॉट सीट पर किसका होगा कब्जा, आज होगा फैसला
Renuka Sahu
17 July 2022 3:30 AM GMT
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फाइल फोटो
मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम में रविवार को मेयर और पार्षदों की मतगणना है और आज यह साफ हो जाएगा कि ग्वालियर का अगला मेयर कौन होगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम में रविवार को मेयर और पार्षदों की मतगणना है और आज यह साफ हो जाएगा कि ग्वालियर का अगला मेयर कौन होगा। ग्वालियर नगर निगम सीट सबसे हॉट सीट मानी जा रही है क्योंकि यहां पर भाजपा और कांग्रेस की साख दांव पर है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की साख भी दांव पर लगी है। यही कारण है कि इस बार भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा की तरफ से खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर समेत तमाम बड़े नेता यहां पर डेरा डाले हुए थे। इसके साथ ही कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम कमलनाथ की कमान थामी थी। लेकिन अब यह साफ हो जाएगा कि ग्वालियर की जनता किस पार्टी को मेयर पद का ताज पहनाने वाली है।
बता दें कि ग्वालियर नगर पालिका को 1996 में नगर निगम ग्वालियर का दर्जा हासिल हुआ था। 1956 से 1987 तक नगर सरकार का कार्यकाल 1 साल का हुआ करता था। 1995 में चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव किया गया और 5 साल के कार्यकाल के लिए परिषद बनाने के लिए पार्षद और मेयर को जनता द्वारा सीधे चुना गया। नगर निगम परिषद ग्वालियर में अनुसूचित जाति की पहली महापौर थीं, जिन्होंने पूरे 5 साल कार्यकाल संभाला। 1995 में ग्वालियर महापौर की सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी।
भाजपा का गढ़ माना जाता है ग्वालियर
ग्वालियर नगर निगम सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है, यही वजह है कि पिछले 56 साल से यहां पर भाजपा का महापौर जीता है। ग्वालियर नगर निगम पर सिंधिया महल का वर्चस्व माना जाता है। कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया परिवार महापौर प्रत्याशी का चयन करते थे लेकिन पिछले 56 साल में सिंधिया परिवार अपने नजदीकी नेता को महापौर की कुर्सी पर नहीं पहुंचा पाया है। अब सिंधिया परिवार भाजपा में है और देखना होगा कि क्या अब की बार भी भाजपा अपना रिकॉर्ड कायम कर पाएगी या फिर कांग्रेस 56 साल के रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब रहेगी।
38 सालों से राजनीति में सक्रिय हैं सुमन
ग्वालियर महापौर को लेकर भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सतीश सिकरवार में कड़ा मुकाबला है। शोभा सिकरवार तीन बार से पार्षद है जबकि भाजपा की सुमन करीब दो दशक बाद चुनावी मैदान में उतरी है। 2001-2002 में वह उपनगर ग्वालियर के वार्ड-10 से पार्षद का चुनाव लड़कर पराजित हुई थी। सुमन शर्मा पिछले 38 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। वह संगठन में अलग-अलग पदों पर काम कर चुकी है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी दो दशक से राजनीति में हैं।
प्रत्याशियों को जानें:
भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा
उम्र : 60 साल
शिक्षा: एमए
चुनावी राजनीति: वर्ष 2001-02 में पार्षद का पहली बार चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं।
संगठन में अनुभव: पूर्व जिला मंत्री, पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, प्रदेश मंत्री महिला मोर्चा।
सामाजिक सक्रियता: फिल्म सेंसर बोर्ड की सलाहकार समिति सदस्य, केआरजी कॉलेज में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष सहित कई संस्थाओं से जुड़ी रहीं।
ताकत और कमजोरी: राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया। सुमन शर्मा भाजपा में विधायक और महापौर रही डॉ धर्मवीर की पुत्रवधू और दिवंगत भाजपा नेता यशवीर शर्मा की पत्नी हैं। पार्टी के मजबूत संगठन का होना एक बड़ी ताकत है। वही आम आदमी में उनकी कम पकड़ एक बड़ी कमजोरी है।
कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सतीश सिकरवार
उम्र : 45 साल
शिक्षा: एमए, पीएचडी
चुनावी राजनीति: कांग्रेस में टिकट पर पहला चुनाव लड़ा। इससे पहले भाजपा में रहीं। 2004 में वार्ड 40 से 2009 में वार्ड 56 और 2014 में वार्ड 45 से पार्षद का चुनाव जीता। दो बार एमआईसी सदस्य भी रहीं।
ताकत और कमजोरी: राजनीतिक सफर भाजपा से शुरू हुआ था और अब कांग्रेस में हैं। तीन बार लगातार पार्षद रहीं। पति डॉ सतीश सिकरवार कांग्रेसी विधायक हैं। ससुर गजराज सिंह भी भाजपा से विधायक रहे। खुद व परिवार की लगातार सक्रियता बड़ी ताकत है। कांग्रेस की आपसी फूट कमजोरी का सबसे बड़ा कारण बन सकती है।
दोनों महापौर प्रत्याशियों के पास इतनी संपत्ति
भाजपा महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा के पास कुल एक करोड़ 89 लाख रुपये की प्रॉपर्टी है। जिसमें 12.70 लाख के गहने और दो लाख कैश है।
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सतीश सिकरवार के पास कोई प्रॉपर्टी नहीं है। 10 लाख रुपये के गहने 68 हजार कैश है।
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