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सरकारी सेवाएं और सुविधाएं हो रही ऑनलाइन, सात साल बाद अपडेट हो रहे सॉफ्टवेयर
भोपाल न्यूज़: सरकारी सेवाओं और सुविधाओं को ऑनलाइन करने के साथ जिन सॉफ्टवेयर पर काम होता है उनको अपडेट किया जा रहा है. एनआइसी, आरसीएमएस, संपदा हो या निगम का सुगम पोर्टल सभी वर्ष 2023 में अपडेशन के दौर में हैं. इस कारण रजिस्ट्री से लेकर लोकसेवा गारंटी केंद्र, आरटीओ, नगर निगम, एजुकेशन विभाग तक में छात्रों को परेशानी हो रही है. राशन वितरण व्यवस्था भी कभी-कभी अटक जाती है. ये भी एनआइसी से संचालित होता है. बीच में राशन बांटने के दौरान भी काफी समस्या आई थी. वर्तमान में आरसीएमएस के कारण राजधानी के लोकसेवा केंद्र में आवेदन करने वाले चार सौ लोगों में से नामांतरण, सीमांकन, बंटान के लिए आवेदन करने वाले सबसे ज्यादा परेशान हैं.
नगर निगम: सुगम पोर्टल के माध्यम से नगर निगम के नामांतरण के साथ ही वार्ड एनओसी की प्रक्रिया पूरी करना कठिन साबित हो रहा है. स्थिति ये है कि इसे राजस्व विभाग के पोर्टल से जोड़कर ऑनलाइन ही नामांतरण के आवेदन और प्रक्रिया पूरी करना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. पोर्टल से ही फीस जमा करने समेत नामांतरण की कॉपी भी डिजिटल सिग्नेचर के साथ में पोर्टल पर ही अपलोड का दावा था, लेकिन इस समय 1200 से अधिक कॉपी अटकी हुई है, लेकिन अपडेट होने के बाद इसमें तेजी आएगी.
आरटीओ: लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस और पक्का लाइसेंस बनाने के लिए एनआइसी के सर्वर की क्षमता को दोगुना किया जा रहा है. परिवहन कार्यालय के परिवहन संबंधित कार्यों के लिए एनआइसी सर्वर पर चलने वाले वाहन पोर्टल के माध्यम से यह सुविधाएं आवेदकों को घर बैठे उपलब्ध कराई जा रही हैं. वाहन पोर्टल की क्षमता कम होने से अत्यधिक आवेदन आने के कारण समस्या सामने आ रही है. लर्निंग और पक्के लाइसेंस बनाने सहित एनओसी के लिए जारी ऑनलाइन तारीखों में हेरफेर हो सकता है.
रजिस्ट्री: एक जनवरी 2015 से शुरू की गई ई-रजिस्ट्री के सॉफ्टवेयर का नाम संपदा दिया है. वर्तमान में इसके संपदा टू का ट्रायल चल रहा है. ऐसे में पंजीयन दफ्तरों में कई बार दो-दो घंटे लोग रजिस्ट्री के लिए परेशान होते हैं. सर्वर की रफ्तार बढ़ने के बाद ही रजिस्ट्री हो पाती हैं. जबसे ट्रायल शुरू हुआ है तभी से सर्वर में परेशानी आ रही है. यहां तक की सर्विस प्रोवाइडर तक को सुबह चार बजे उठकर स्लॉट की बुकिंग करनी पड़ती है. इस मामले में पंजीयन विभाग के अफसर भी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं. हालांकि एक अप्रेल 2023 से नई कलेक्टर गाइडलाइन को इसी नए वर्जन पर आने की संभावना है.