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फर्जी कंपनियां ग्रामीणों को लगा रहीं करोड़ों का चूना
झाँसी न्यूज़: राष्ट्रीयकृत बैंकों से आधे समय में रुपयों को दोगुना करने का झांसा देकर जनपद में ठगी का कारोबार धड़ल्ले से जारी है. भोलेभाले ग्रामीण बिना सोंचे समझे अपनी मेहनत की कमाई व मुआवजा की मोटी रकम दांव पर लगा चुके हैं. रकम गंवाने के बाद कई ग्रामीणों की आंखे खुली लेकिन तब तक कंपनी के लोग अपना पता ठिकाना बदल दिया.
तालबेहट सहित जनपद स्थित विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में करीब आधा दर्जन से अधिक फर्जी बैंकिंग कंपनियां कार्यरत हैं. जिनके मुख्यालय झांसी, ग्वालियर, भोपाल, इंदौर में हैं. इन कंपनियों के अधिकारियों ने पढ़े लिखे बेरोजगार युवकों को वेतन और कमीशन का झांसा देकर अपना एजेंट बनाया. फिर उनके माध्यम से ग्रामीणों के बचत, मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक खाते खोले. राष्ट्रीयकृत बैंकों से अधिक ब्याज का लालच ग्रामीणों को भा गया और स्थानीय एजेंट का चेहरा देखकर उन्होंने मोटी रकम फर्जी कंपनियों के हवाले करनी शुरू कर दी. शुरूआती छह माह तक कंपनी के लोगाें ने बेहतर काम पर एजेंटों को पुरुस्कार दिए. जिस कारण एजेंट और तेजी के साथ काम में जुट गए.
शुरुआती दिनों में तमाम ग्रामीणों के भुगतान किए गए. ग्रामीणों व एजेंटों का भरोसा जमने के बाद कंपनियों ने खेल खेला. उन्होंने बैंकों से आधे समय में रकम दुगनी करने की योजना रखकर ग्रामीणों से धन एफडी करने को कहा. एजेंट व ग्रामीण इनके झांसे में आ गए और मेहनत से इकह्वा किया लाखों रुपये व मुआवजा आदि का धन कंपनियों के हवाले कर दिया. इस तरह करोड़ों रुपये इकह्वा करने के बाद एफडी की समयावधि पूर्ण होने से पहले कंपनियों के लोगों ने रातोंरात अपना सामान समेट लिया. कार्यालय बंद देखकर एजेंटों के होश उड़ गए. रुपयों का निवेश करने वाले एजेंट कुछ दिनों तक तो ग्रामीणों को आश्वासन देते रहे लेकिन अब धीरे-धीरे इस खेल से पर्दा उठने लगा है.