- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- डॉक्टरों ने उठाई आवाज,...
डॉक्टरों ने उठाई आवाज, विद्यार्थियों का भविष्य बिगड़ने से बचाए सरकार
इंदौर न्यूज़: मप्र के मेडिकल कॉलेजों के रिजल्ट में देरी हजारों मेडिकल विद्यार्थियों का भविष्य बिगाड़ सकती है. राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली परीक्षा के ऑनलाइन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 27 जनवरी है, जबकि अब तक रिजल्ट ही नहीं आए हैं. इस कारण कई विद्यार्थी फॉर्म ही नहीं भर पाएंगे. एमजीएम एलुमनी एसोसिएशन ने फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई करने की मांग की है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने नीट पीजी परीक्षा में मप्र से एमबीबीएस होने के बाद इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों को नजरअंदाज कर दिया है. एमजीएम एलुमनी एसोसिएशन इंदौर के अध्यक्ष डॉ. शेखर डी. राव, सचिव डॉ. संजय लोंढे ने बताया कि 5 मार्च को होने वाली परीक्षा के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 27 जनवरी है. मप्र में मेडिकल यूनिवर्सिटी के रिजल्ट देरी से देने के कारण प्रदेश के हजारों विद्यार्थी इस परीक्षा से वंचित रह जाएंगे. यदि इसे 31 जुलाई किया जाए तो इंटर्न परीक्षा दे सकेंगे. कुछ प्रभावशाली राज्यों के कारण मेडिकल विद्यार्थियों के इंटर्नशिप कम्प्लीशन की समयावधि 30 जून कर दी गई है, तब तक मप्र में रिजल्ट ही नहीं आते हैं.
सरकार करे हस्तक्षेप: डॉ. लोंढे ने कहा कि यदि समय नहीं बढ़ाया गया तो विद्यार्थी अगले साल ही नीट पीजी के लिए पात्र हो पाएंगे. इंदौर के मेडिकल विद्यार्थियों का भी कहना है कि इस बारे में सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. फॉर्म भरने की समय सीमा बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि विद्यार्थी परीक्षा से वंचित न रहें.