मध्य प्रदेश

कर्नाटक के पश्चात अब एमपी में भी गरमाएगा ओबीसी मुद्दा

HARRY
21 May 2023 12:56 PM GMT
कर्नाटक के पश्चात अब एमपी में भी गरमाएगा ओबीसी मुद्दा
x
दरकिनार करने का आरोप लगा रही है।

मध्य प्रदेश | विधानसभा के चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों दल हर समाज वर्ग को साधने में जुटे हैं। कर्नाटक के ओबीसी फॉर्मूले को कांग्रेस अब मध्य प्रदेश में भी दोहराने की तैयारी में है। पार्टी ओबीसी आरक्षण और जातीय जनगणना को इन चुनावों में बड़ा मुद्दा बनाएगी। इसके लिए पार्टी के बड़े ओबीसी नेताओं को आगे किया जाएगा। दूसरी ओर, बीजेपी भी खुद को ओबीसी हितैषी बताते हुए कांग्रेस पर पिछड़े वर्ग के नेताओं को दरकिनार करने का आरोप लगा रही है।

गौरतलब है कि जाति जनगणना का मुद्दा उठाकर कर्नाटक में कांग्रेस बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब हुई थी। अब वह यही सेंध प्रदेश में भी लगाने की कोशिश करेगी। कांग्रेस के नेता ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने का श्रेय लेने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा कि 2014 में कांग्रेस सरकार ने जातीय जनगड़ना का काम पूरा कर लिया था, बस जारी होना शेष था, लेकिन सरकार बदलने के बाद बीजेपी सरकार ने इसे जारी नहीं किया। जातीय जनगणना नहीं होगी तो हमें कैसे पता चलेगा कि कौन से वर्ग की कितनी संख्या है और उनका उत्थान कैसे करना है।

मध्य प्रदेश और पूरे देश में ओबीसी वर्ग के हित में सिर्फ कांग्रेस ने काम किया। फिर चाहे महाजन आयोग के गठन की बात हो या अन्य योजना। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने ही पिछड़े वर्ग को 14 और 27 फीसदी आरक्षण दिया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पिछड़े वर्ग से आते हैं, लेकिन उसके बावजूद बीजेपी उनका हक नहीं दे पा रही। पिछड़ा वर्ग के लोग सड़कों पर लाठियां खा रहे हैं। ओबीसी वर्ग कांग्रेस के साथ है और कांग्रेस ही उन्हें उनका हक दिलाएगी। इस मामले पर बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस आरक्षण के मामले पर सिर्फ पाखंड करती है। चाहे ओबीसी का मामला हो या फिर महिलाओं का, कांग्रेस में ओबीसी नेताओं को दरकिनार किया जाता है।

बीजेपी प्रवक्ता गोविंद मालू ने कहा कि हमने ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन कांग्रेस में अरुण यादव जैसे कई नेता साइड लाइन हैं। कांग्रेस सिर्फ पाखंड और इमोशनल ब्लैकमेल करती है। हमने ओबीसी कल्याण के लिए आयोग बनाया, 27 फीसदी आरक्षण के लिए प्रावधान किया। आज मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो वह कांग्रेस की वजह से है। इस मामले पर कांग्रेस ने कोर्ट में कोई पैरवी नहीं की थी, न ही एडवोकेट खड़ा किया था।

Next Story