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- 17 दिनों तक बाइक से...
इंदौर न्यूज़: शहर के अमित किरावर और जॉय कुमरा ने अपनी पहली लद्दाख यात्रा बाइक से की. सफर को बयां करते हुए राइडर्स ने बताया कि 4 जून को दोनों इंदौर से निकले और उज्जैन, मंदसौर, चित्तौड़गढ़ से 568 किलोमीटर का सफर कर जयपुर पहुंचे. यहां नाइट होल्ड करने के बाद दोनों 534 किलोमीटर की राइड कर लुधियाना पहुंचे. यहां से सुबह निकले और 278 किलोमीटर का सफर तय कर जम्मू पहुंचे. गर्मी के मौसम में बाइक से जाना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हम सभी सेफ्टी मेजर्स के साथ थे. दूसरे दिन हम श्रीनगर के लिए लिकल गए. वहां की वादियां, नदियां और प्राकृतिक सुंदरता देखकर दिल खुश हो गया. ं डल लेक का नजारा आकर्षक था.
इसके अगले दिन हम गुलमर्ग पहुंचे, जहां की सुंदरता को शब्दों में बयां करना कठिन है. बर्फ के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और हरियाली ने मन मोह लिया. यहां से हम फिर श्रीनगर आए और लेह के लिए निकल गए. यहां श्रीनगर का आखिरी गांव देखते हुए हम जोजीला दर्रा जीरो पाइंट पहुंचे. यहां से द्रास होते हुए करगिल वार मेमोरियल पहुंचे और वीरों के बलिदानों के बारे में जाना.
द्रास में तापमान माइनस 60 डिग्री तक चला जाता है, जिससे बचने के लिए हम गर्म कपड़े भी साथ ले गए थे.
यहां से हमने लेह में एंट्री की. यहां हमने बर्फीले पहाड़, मैदान, रेगिस्तान वाले पहाड़, नदियां और हरियाली एकसाथ देखी. वहां पहुंचकर ऐसा लग रहा था, जैसे प्रकृति की गोद में बैठे हाें.
जिंदगी का सबसे खास अनुभव
यहां सबसे बड़ी चुनौती मौसम है, क्योंकि पल-पल में मौसम बदलता है. खारदुंगला पास में हमने बर्फबारी का मजा लिया, जो समुद्र तल से 7,582 फीट की ऊंचाई पर है. इसके बाद मैगनेटिक हिल पहुंचे, जहां ऑक्सीजन की कमी होती है. हमने भारत के आखिरी गांव तुर्तुक, हुंडर, नुब्रा वैली, सैंड डुन देखे और उमलिंगला पास पहुंचे. यहां खराब मौसम और पथरीले रास्ते में बाइक चलाना चुनौतीपूर्ण था. इससे गुजरते हुए देमचोक पहुंचे और चीन बॉर्डर गए. यहीं से हमने वापसी की. 17 दिनों की राइड का बेहतरीन एक्सपीरियंस रहा. इस दौरान कई मोमेंट्स को कैमरे में भी कैद किया.