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बेंगलुरु Bangalore: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कांग्रेस नेता और कोलार कुरुबा संघ के अध्यक्ष रवींद्र को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।यह प्रेस कॉन्फ्रेंस राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने के राज्यपाल के फैसले के जवाब में आयोजित की गई थी। Press Conference के दौरान रवींद्र माइक पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे। बोलते-बोलते अचानक उनके हाथ से पेपर गिर गए, और फिर कुछ ही सेकंड बाद वे माइक के साथ कुर्सी से नीचे गिर पड़े। वहां मौजूद लोग तुरंत उन्हें उठाकर एक निजी अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी तुरंत मौत हो गई।
इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे रवींद्र माइक पर बोलते समय अचानक असहज महसूस करते हैं और फिर गिर जाते हैं। इस वीडियो ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कार्यकर्ता सी.के. रविचंद्रन की मौत पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में हमारे साथ रहे रविचंद्रन के निधन से बहुत दुखी हूं। प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले। मैं उनके शोक संतप्त परिवार और दोस्तों के साथ हूं।
TRIGGER WARNING !!!!
— Waseem ವಸೀಮ್ وسیم (@WazBLR) August 19, 2024
Karnataka Congress' CK Ravichandran dies of Cardiac Arrest during a LIVE press conference at the press club near Cubbon Park. pic.twitter.com/Ycj94tVF8L
सिद्धारमैया पर लगे हैं ये आरोप
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर लगे आरोप एक भूमि अधिग्रहण मामले से जुड़े हैं। आरोप यह है कि सिद्धारमैया ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक ज़मीन के टुकड़े का अधिग्रहण गलत तरीके से किया या उसकी प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ। कर्नाटक के राज्यपाल ने इन आरोपों के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी है, जिसके बाद यह मामला और भी चर्चा में आ गया है। इसी मुद्दे पर जवाब देने के लिए बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी, जिसमें कांग्रेस नेता रवींद्र की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। इन आरोपों की जांच हो रही है, और इस मामले की कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ने पर सिद्धारमैया की भूमिका और अधिक स्पष्ट होगी।
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