जमशेदपुर न्यूज़: कदमा में एक साथ पत्नी, दो बेटियों और ट्यूशन टीचर की हत्या के मामले में साकची कोर्ट के दूसरे तल पर स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद सिन्हा की अदालत की ओर से फांसी का फैसला सुनाने के दौरान माहौल काफी मार्मिक था. फैसले से पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग में मौजूद हत्यारे दीपक कुमार सिन्हा को जब उसके कृत्यों की जानकारी दी गई तो यह सुनकर कई लोगों की आंखें डबडबा गईं. लेकिन वीसी में दीपक तटस्थ खड़ा रहा. केस की व्याख्या से खुद न्यायाधीश का गला भर आया और अपर लोक अभियोजक की आंखें डबडबा गईं.
अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार के अनुसार, न्यायाधीश कोर्ट में बैठे. वीसी के जरिए मुजरिम की पेशी हुई. अदालत ने कहा- आपने बहुत नृशंस और जघन्य रूप से अपनी बच्चियों की हत्या की. एक बच्ची जिसकी उम्र आठ वर्ष थी, उसने दुनिया नहीं देखी थी. एक दूसरी बच्ची, जिसकी उम्र 14 वर्ष थी, उसके ढेर सारे सपने होंगे... दोनों की हत्या कर दी. एक औरत, जो अपना घर छोड़कर पति के घर आती है. पति की जवाबदेही होती है, उसकी सुरक्षा करने की, उसके भविष्य को संवारने की. आपने उसकी भी हत्या कर दी. एक शिक्षिका, जो अपने जीविकोपार्जन के लिए आपकी बच्चियों को पढ़ाने आती थी, उसका भी भविष्य था और उसके भी कई सपने थे. आपने अमानवीय कृत्य करते हुए सभी को मार डाला. इतना ही नहीं उस शिक्षिका के साथ दुष्कर्म किया. यह केस रेयररेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है, इसलिए आपको मृत्युदंड की सजा दी जाती है... हैंग टिल डेथ.
क्राइम सीरियल देख प्रभु को फंसाने के लिए की थी हत्या केस में जो हत्या का कारण सामने आया, उसमें प्रभु के साथ उसने एक व्यवसाय शुरू किया था, जिसमें उसे घाटा हो गया था. प्रभु पर शक था कि वह लाभ में है. इसलिए उसने प्रभु को फंसाने के लिए योजना बनाई. हत्या के लिए उसने क्राइम सीरियल देखकर प्लान बनाया. उसके बाद उसने पत्नी और दोनों बच्चों को मारा. उसी वक्त ट्यूशन टीचर आ गई और शव को देख लिया इसलिए उसे मार दिया.
जांच टीम पुरस्कृत होगी इस फैसले के बाद एसएसपी प्रभात कुमार ने कहा कि इस केस का अनुसंधान करने वाली टीम को पुरस्कृत किया जाएगा. पूरी टीम के बेहतर अनुसंधान और साथ ही पेश किए गए साक्ष्य की बदौलत ही सजा हुई है.