राँची न्यूज़: सदर अस्पताल के नए भवन को हैंडओवर हुए तीन महीने हो गए हैं, पर अब तक इसमें इलाज शुरू नहीं हुआ है. 500 बेड वाले इस अस्पताल भवन में अब तक सिर्फ 200 बेडों पर ही इलाज हो रहा है. 300 बेडों पर मरीजों को भर्ती कर इलाज के प्रबंधन में लेटलतीफी जारी है. इसके कारण इसमें बनाए गए सात मॉड्यूलर ओटी में ऑपरेशन शुरू नहीं हो सका है. अगर ये ओटी काम करते तो हर दिन प्रसव को छोड़कर न्यूनतम 14 ऑपरेशन होते. अभी बमुश्किल तीन ऑपरेशन ही हो रहे हैं. ऐसे में या तो अन्य मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है या फिर दूसरे अस्पतालों में जाने को वे मजबूर हैं. सदर अस्पताल में वर्तमान में लेजर सर्जरी की सुविधा होने से बड़ी संख्या में लोग इलाज कराने पहुंचते हैं, जिन्हें इंतजार करना पड़ता है. इधर, सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने बताया कि नई बिल्डिंग में जैसे काम पूरा होगा, इलाज शुरू हो जाएगा.सात तल की बिल्डिंग में कहां क्या होता इलाज
● निचला तल्ला इमरजेंसी, मेडिसिन ओपीडी, ऑर्थोपेडिक ओपीडी, सर्जरी ओपीडी.
● पहला तल्ला गाइनी ओपीडी, नेत्र रोग ओपीडी, स्किन ओपीडी, पैथोलॉजिकल लैब.
● दूसरा तल्ला सुपरस्पेशियलिटी ओपीडी, रेडियोलॉजी विभाग.
● तीसरा तल्ला सुपरस्पेशियलिटी विंग.
● चौथा और पांचवां तल्ला मरीज भर्ती किए जाएंगे.
● छठा तल्ला ऑडिटोरियम.
● सातवां तल्ला मॉड्यूलर ओटी.
आखिर लेटलतीफी क्यों
● 500 बेड के संचालन के लिए करीब 200 चिकित्सक चाहिए, वर्तमान सिर्फ 65 ही
● जरूरी टेक्निकल स्टॉफ की कमी. इसके लिए विभाग से पत्राचार किया गया है.
● इंजीनियर समेत 100 ट्रेंड स्टाफ की जरूरत है, पर अभी सिर्फ 25 ही हैं.