राँची न्यूज़: झारखंड सरकार के वित्त विभाग ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं. इसका नतीजा 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में देखने को मिला. वित्तीय वर्ष के शुरू और मध्य में सरकार के विभिन्न विभाग बजट राशि खर्च करनें में पिछड़ रहे थे, मार्च आते-आते इतनी तेजी से काम किया कि सभी विभागों ने औसतन बेहतर खर्च कर बजट की खर्च हुई कुल राशि को 90 फीसदी तक पहुंचा दिया.
इधर, नए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिया है कि शुरू नए वित्तीय वर्ष के लिए विनियोग विधेयक को मंजूरी मिल चुकी है. राज्यपाल द्वारा इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. इसका प्रकाशन झारखंड गजट के असाधारण अंक में हो गया है. लिहाजा सभी विभागों को प्रावधानित राशि के खर्च की अनुमति देते हुए कहा कि यह राशि 2023-24 वेबसाइट पर उपलब्ध है.
वित्त विभाग के प्रधान सचिव ने कहा है कि विनियोग कानून के तहत किये गये बजट का प्रावधान नियमानुसार 2023 से 31 मार्च 2024 तक की अवधि में राज्य की संचित निधि से किया जा सकता है. वित्त विभाग ने इसके लिए कई निर्देश जारी किया है. इसके तहत स्वीकृत्यादेश एवं आवंटन आदेश में बजट शीर्ष के साथ-साथ स्थापना खर्च से भिन्न खर्च की स्थिति में राज्य और केंद्रीय स्कीम, केंद्र प्रायोजित स्कीम तथा केंद्रीय सेक्टर स्कीम का उल्लेख जरूर करें. स्थापना खर्च, राज्य योजनाएं, केंद्र प्रायोजित योजनाएं तथा केंद्रीय सेक्टर स्कीम से संबंधित बिल में स्वीकृत्यादेश एवं आवंटन आदेश में 20 अंकीय बजट शीर्ष का उल्लेख अवश्य करें. वित्त विभाग के निर्देश के मुताबिक निर्गत स्वीकृत्यादेश एवं आवंटन आदेश के सूचनार्थ प्रतियां वित्त विभाग को न भेजें.