राँची न्यूज़: झारखंड में वन संरक्षण और पलामू व्याघ्र अभयारण्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जंगल में गिरे पत्तों से जैविक खाद, वैकल्पिक जलावन व पत्तल आदि उपयोगी चीजें बनानी होंगी. इसमें ग्रामीणों विशेषकर आदिवासी समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित की जाए. यह बातें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहीं. वे केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि नगर वन योजना से रांची, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह लाभान्वित हुए हैं. स्कूल नर्सरी योजना में अच्छे स्कूलों का चयन और जागरुकता अभियान चलाने की आवश्यकता है. प्रदूषण नियंत्रण के लिए सघन कार्यक्रमों पर जोर दिया जाना चाहिए. धनबाद में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर है, इसके नियंत्रण के लिए वृहद कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है. साथ ही कहा कि स्कूल नर्सरी योजना के तहत औषधीय, पोषक तत्वों एवं हर्बल पौधों को प्राथमिकता दी जाए. बैठक में राज्य सरकार के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एनके सिंह, संजीव कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव वाईके दास, एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय के उप महानिदेशक संतोष तिवारी, प्रभागीय वन प्राधिकारी श्रीकांत वर्मा एवं खाद्य आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.