नए अस्पताल के उद्घाटन में डेढ़ माह शेष, अभी आधा काम बाकी
जमशेदपुर न्यूज़: एमजीएम मेडिकल कॉलेज कैंपस में 386 करोड़ की लागत से बन रहा 500 बेड का नया अस्पताल मार्च के अंतिम सप्ताह में भी चालू नहीं हो पाएगा. अस्पताल में अभी कई काम बचे हैं, जो डेढ़ माह में पूरा नहीं हो पाएंगे. छह मंजिला इस अस्पताल के चालू होने के बाद साकची स्थित एमजीएम अस्पताल को तोड़कर वहां नया भवन बनाया जाएगा.
एमजीएम अस्पताल को नए अस्पताल में शिफ्ट करने की योजना है. भवन बनकर तैयार है. इसका बाहरी काम पूरा हो गया है, लेकिन अस्पताल के भीतर का काम अब भी बचा है. अस्पताल में बिजली-पानी के लिए सारी व्यवस्था हो गई है. बिजली के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 5 करोड़ 94 लाख 37 हजार 752 रुपये और पानी के लिए 23 लाख 66 हजार की राशि दो माह पहले दी थी. एल एंड टी कंपनी इस अस्पताल का निर्माण कर रही है.
ये काम बचे हैं अस्पताल में
वार्ड अबतक वार्ड तैयार नहीं हुए हैं. बिजली और ऑक्सीजन पाइप की वायरिंग का काम चल रहा है. यहां इमरजेंसी में 100 बेड होंगे, लेकिन एक भी बेड तैयार नहीं हुआ है.
ओटी नए अस्पताल में हर विभाग की अपनी आधुनिक ओटी होगी, लेकिन अबतक किसी विभाग की ओटी तैयार नहीं हुई है. सभी विभागों की ओटी तैयार होने में कम से कम दो माह लगेंगे.
आईसीयू अस्पताल में 50 बेड की आईसीयू होगी. आईसीयू का आधुनिक वार्ड सबसे जरूरी है. दो फ्लोर पर आईसीयू का निर्माण किया गया है, लेकिन वह पूरी तरह से तैयार नहीं है.
ओपीडी ओपीडी में मरीजों और डॉक्टरों की बैठने की अबतक व्यवस्था नहीं हो पाई है. हर विभाग की अलग-अलग ओपीडी चलेगी, ताकि मरीजों को परेशानी न हो, लेकिन अभी इसे तैयार होने में दो माह से अधिक समय लगेगा.
सीढ़ी सीढ़ियों का निर्माण हो गया है, लेकिन उसे फिनिश नहीं किया गया है. अस्पताल की ज्यादातर सुविधाएं ऊपरी तल पर है, इस कारण सीढ़ियों को पूरी तरह से तैयार होना जरूरी है. इसके अलावा लिफ्ट भी अबतक नहीं लगा है. कचरा निस्तारण अस्पताल से निकलने वाले कचरे का निस्तारण जरूरी है. अबतक इसके लिए व्यवस्था नहीं हुई है. 500 बेड के अस्पताल से हर दिन 100 किलो से ज्यादा मेडिकल कचरा निकलेगा.
मंजिला होगा नया अस्पताल
०६ करोड़ बिजली के लिए मिले थे
नए अस्पताल का निर्माण पूरा हो चुका है. अस्पताल के भीतर का काम तेजी से चल रहा है. काम पूरा होते ही चालू किया जाएगा.
- डॉ. केएन सिंह, प्राचार्य, एमजीएम मेडिकल कॉलेज
प्रशासनिक भवन अस्पताल के लिए प्रशासनिक भवन बेहद जरूरी है. जहां अधीक्षक, उपाधीक्षक समेत अन्य अधिकारी बैठेंगे. प्रशासनिक भवन में ही रजिस्ट्रेशन काउंटर होता है, लेकिन अभी यह काम भी अधूरा है.