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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in
पथ निर्माण विभाग ने सरकार को पत्र लिखकर जिले में ठप पड़े छह सड़कों के निर्माण के लिए सात करोड़ रुपये की डिमांड की थी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पथ निर्माण विभाग ने सरकार को पत्र लिखकर जिले में ठप पड़े छह सड़कों के निर्माण के लिए सात करोड़ रुपये की डिमांड की थी. लेकिन, इनमें से सिर्फ दो करोड़ रुपये का फंड मिला है. इसके चलते अधिकतर सड़कों का निर्माण कार्य भी बाधित हो गया है. जो फंड आया है, उसी में से पथ निर्माण विभाग ठेकेदारों को थोड़ी-थोड़ी रकम देकर निर्माण कार्य शुरू करा रहा है.
ऊंट के मुंह में जीरा है रकम
जानकारों का मानना है कि जो फंड मिला है, वह ऊंट के मुंह में जीरा है. पर्याप्त फंड नहीं दिया गया. पहले ही पथ निर्माण विभाग ने कई महीने तक फंड नहीं दिया. इससे सड़कों का निर्माण कार्य ठप हो गया था. जिले में लगभग छह नई सड़कें बनाई जा रही हैं. फंड नहीं होने से इनका काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. कई महीने तक पथ निर्माण विभाग में कोई कार्यपालक अभियंता ही नहीं था. बाद में यहां का प्रभार सरायकेला के कार्यपालक अभियंता गणेश हेंब्रम को दिया गया.
इन सड़कों का निर्माण कार्य है बाधित
1-बहरागोड़ा में एनएच-33 से पथरा तक
2-पिताजुड़ी से गुड़ाबांदा तक सड़क निर्माण
3- गुड़ा पिकेट से धालभूमगढ़ एनएच 33 तक सड़क निर्माण
4-पोटका में कोवाली लायलम घाटी तक सड़क निर्माण
5-कवाली से डुमरिया तक सड़क निर्माण
6-गोविंदपुर के अन्ना चौक से एनएच-33 पीपला तक सड़क निर्माण
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