धनबाद न्यूज़: जीटी रोड (एनएचटू) पर जिले के तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में रात में भी डॉक्टर रहेंगे. इसकी तैयारी में स्वास्थ्य विभाग जुटा है. जीटी रोड पर सड़क हादसे के शिकार लोगों को तत्काल चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यह व्यवस्था हो रही है.
जीटी रोड के किनारे तोपचांची, गोविंदपुर और निरसा सीएचसी हैं. सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा के अनुसार इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है. कुछ समस्याएं हैं, जिसे दूर कर इन केंद्रों को 24 घंटे चलाने की कोशिश हो रही है. विशेष फोकस यहां रात में डॉक्टरों की उपस्थिति पर है. बता दें कि जीटी रोड पर अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. हादसे के शिकार लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिलती है. उन्हें दुर्घटना स्थल से एसएनएमएमसीएच लाना पड़ता है, जिसमें काफी समय लगता है. यह समय मरीज के लिए काफी अहम होता है. कई बार मरीज घटनास्थल से एसएनएमएमसीच पहुंचने के दौरान रास्ते में दम तोड़ देता है. इस तरह की मौत को कम करने के लिए विभाग जीटी रोड के तीन सीएचसी को रात में भी चिकित्सीय दृष्टिकोण से सशक्त करने की तैयारी में है, ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतर प्राथमिक इलाज मिल सके.
सीएचसी को 24 घंटे संचालित करना है. वहां हर समय डॉक्टर होना अनिवार्य है, लेकिन डॉक्टरों की कमी और लापरवाही के कारण रात में सीएचसी कर्मचारियों के सहारे रहता है. सिविल सर्जन खुद कई बार औचक निरीक्षण में ये मामले पकड़ चुके हैं. वहां रात में डॉक्टर नहीं रहने के कारण मरीज को धनबाद भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है. रात में सीएचसी को पूरी गुणवत्ता के साथ चलने में सबसे बड़ी बाधा डॉक्टर की कमी है. दिन के समय सीएचसी में सामान्य मरीजों की भीड़ होती है. ऐसे में दिन में डॉक्टरों का रहना अनिवार्य है. स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें, तो रात में डॉक्टर की उपलब्धता को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है. डॉक्टरों के ड्यूटी रोस्टर में बदलाव से लेकर डीएमएफटी समेत अन्य स्रोत से मिलने वाले डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जा सकती है.