झारखंड

सुनिधि चौहान के कार्यक्रम की जांच करेगी एसीबी, सीएम हेमंत सोरेन ने दिए आदेश

Renuka Sahu
4 Feb 2022 1:29 AM GMT
सुनिधि चौहान के कार्यक्रम की जांच करेगी एसीबी, सीएम हेमंत सोरेन ने दिए आदेश
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फाइल फोटो 

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में टी-शर्ट, टॉफी वितरण में हुई अनियमितता और घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करेगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में टी-शर्ट, टॉफी वितरण में हुई अनियमितता और घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करेगी। 13 से 15 नवंबर 2016 के दौरान झारखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित मुख्य समारोह के लिए सामग्री खरीदने और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन में कई गड़बड़ियां उजागर हुईं थी।

इस अवसर पर गायिका सुनिधि चौहान के कार्यक्रम के साथ-साथ बच्चों के बीच टीशर्ट, मिठाई और टॉफी वितरण में कई अनियमितताएं हुईं थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अनियमितता की मिली शिकायतों के मद्देनजर एसीबी जांच के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2016 के राज्य स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में हुई अनियमितता को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका सुनवाई के लिए विचाराधीन है। विधायक सरयू राय ने पिछले साल चार जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर सुनियोजित साजिश का आरोप लगाया और कहा कि रघुवर दास ने 2016 के झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह की आड़ में सरकारी धन से अपने निजी कार्यक्रम में हुये खर्च का भुगतान कराया है।
सरयू राय ने इसे राज्य को बदनाम करने वाला घोटाला बताते हुये पूरे मामले की एसीबी या सीबीआई से जांच कराने की मांग की। उन्होंने इस घोटाले को मैनहर्ट से अधिक गंभीर बताया और यह भी कहा था कि सीबीआई से जांच इसलिए कराई जा सकती है क्योंकि टीशर्ट की खरीद का मामला दो राज्यों रांची व पंजाब से संबंधित है। वह इस मामले को विधानसभा में भी उठा चुके हैं।
एक दिन में पांच लाख बच्चों को टॉफी, टीशर्ट बांटने पर सवाल
सरयू राय के आरोप के मुताबिक तत्कालीन सरकार ने समय अभाव की बात कह कर राज्य स्थापना दिवस समारोह 2016 की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को देने के लिये प्रिंटेड टीशर्ट व टॉफी बिना निविदा निकाले मनोनयन के आधार पर खरीदा था।
महालेखाकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया जा चुका है कि टीशर्ट और टॉफी वितरण में गड़बड़ी हुई है। एजी की रिपोर्ट में भी इस पर आपत्ति जताई गई है। सरकार ने पांच लाख स्कूली बच्चों के बीच टॉफी और टीशर्ट का वितरण एक ही दिन में कर दिया था। एक दिन में इतने बच्चों को टीशर्ट का वितरण करना संभव नहीं है। वितरण के नाम पर बड़ी राशि का दुरुपयोग किया गया है।
आरोप के अनुसार जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित लाला इंटरप्राइजेज से टॉफी की खरीद हुई। बताया गया है कि टीशर्ट कुड़ु फैब्रिक्स लुधियाना से जमशेदपुर के स्थानीय एजेंट के माध्यम से खरीदी गई थी। लेकिन टीशर्ट लुधियाना से रांची, जमशेदपुर, धनबाद सड़क मार्ग से पहुंची या रेल मार्ग से इसकी सूचना सरकार को नहीं है।
रोड परमिट भी नहीं दिया गया है। इसके बावजूद भुगतान पूरा हो गया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि वर्ष 2016-17 में लाला इंटरप्राइजेज ने न तो टॉफी खरीदा और न ही बेचा, लेकिन एक साजिश के तहत सरकार से 35 लाख रुपये का चेक ले लिया और उसपर बिक्री कर का लगभग चार लाख रुपये भुगतान भी कर दिया। वाणिज्यकर विभाग ने बाद में लाला इंटरप्राइेज पर 17 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया।
सुनिधि चौहान के कार्यक्रम पर 55 लाख खर्च पर सवाल
सरयू राय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर बताया कि 15 नवंबर 2016 को पूर्व निधारित कार्यक्रम के बीच एक घंटे के लिए पार्श्व गायिका सुनिधि चौहान के गीत का कार्यक्रम रखा गया। नौ नवंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री के आप्त सचिव ने सुनिधि चौहान को बुलाने का प्रस्ताव रखा। 44 लाख रुपये खर्च का यह प्रस्ताव स्वीकृत हुआ, जबकि कुल भुगतान 55 लाख रुपये दिखाया गया।
इससे तीन दिन पहले छह नवंबर 2016 को छठ पर्व पर सूर्य मंदिर परिसर जमशेदपुर में भी सुनिधि चौहान के गीत का कार्यक्रम हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री ही उस समय सूय मंदिर समिति के संरक्षक थे। सरकार ने 15 नवंबर को सुनिधि चौहान के कार्यक्रम के लिए 55 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया है। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि सूर्य मंदिर समिति द्वारा आयोजित सुनिधि चौहान के कार्यक्रम का भुगतान भी सरकार से कराया गया है।
सांच को आंच क्या : रघुवर दास
खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे। हमने पांच साल ईमानदार सरकार और ईमानदार प्रशासन दिया है। इसके बावजूद अगर किसी को लगता है कि कोई गड़बड़ी हुई है, तो किसी भी जांच का मैं स्वागत करता हूं। सांच को आंच क्या। इस सरकार ने विधानसभा में स्वयं स्वीकार किया था कि इस मामले में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है। अभी हाल के दिनों में ही मैंने सरकार पर कुछ गंभीर सवाल उठाए थे, शायद निशाना सही जगह लगा है। -रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री
देरी से उठाया गया स्वागत योग्य कदम : सरयू राय
टीशर्ट और टॉफी, मिठाई घोटाले की एसीबी जांच का आदेश मुख्यमंत्री द्वारा विलंब से उठाया गया स्वागत योग्य कदम है। मुख्यमंत्री को यह आदेश पहले ही देना चाहिए था। इस मामले में विधानसभा की अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति ने दो बार रिपोर्ट दी है। जिसमें विभाग द्वारा प्रस्तुत कागजात को फर्जी बताया जा चुका है। इस समिति के सभापति रामचंद्र चंद्रवंशी, सदस्य मीरा यादव, मनीष जयसवाल जैसे भाजपा विधायकों के अलावा झामुमो के दो सदस्य शामिल हैं।
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